अमरीका में इस समय कोरोना का कहर जारी है। यहां पर करीब डेढ़ लाख लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं। वहीं इस समय अमरीकी अर्थव्यवस्था भी बर्बादी के कगार पर है। इन मामलों को लेकर कई चुनावी सर्वेक्षणों में ट्रंप को एक असफल राष्ट्रपति के रूप में माना जा रहा है।
ट्रंप के मुकाबले में खड़े 77 वर्षीय डेमोक्रेडिक उम्मीदवार जो बिडेन (Joe Biden) को अच्छा समर्थन मिल रहा है। कई चुनावी पोल में वे मजबूत स्थिति में दिखाई दे रहे हैं। ट्रंप ने अपने ट्वीटर हैंडल पर कहा कि 2016 के चुनाव के प्रचार अभियान से अधिक इस बार उन्हें अच्छा समर्थन मिल रहा है। अमरीका को महान देश बनाने के उनके संकल्प को लोग पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस मुकाबले में जो बिडेन कहीं नहीं टिकते हैं। तीन नवंबर इस बात की तस्दीक करेगा। वह दोबरा सत्ता में वापसी करेंगे।
ट्रंप ने कोरोना संक्रमण को लिया हल्के में
आलोचकों का कहना है कि ट्रंप ने महामारी को शुरूआत में हल्के में लिया था। वह उसे चुटकियों में हल करने की बात करते रहे। उनका यही दावा उन पर भारी पड़ा। कोरोना ने पूरे अमरीका में तबाही मचाई है। इससे लाखों लोगों की जान जाने के साथ अमरीकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके साथ अश्वेत आंदोलन में भड़के दंगों ने हालात को और बिगाड़ा है। इस दौरान ट्रंप का रवैया बेहद आपत्तिजनक रहा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी तक कह डाला। आलोचकों का कहना है कि इन समस्याओं के बावजूद ट्रंप जीत की आस पाले बैठे हैं। कई चुनावी पोल में वह हारते दिखाई दे रहे हैं।
आलोचकों का कहना है कि ट्रंप ने महामारी को शुरूआत में हल्के में लिया था। वह उसे चुटकियों में हल करने की बात करते रहे। उनका यही दावा उन पर भारी पड़ा। कोरोना ने पूरे अमरीका में तबाही मचाई है। इससे लाखों लोगों की जान जाने के साथ अमरीकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। इसके साथ अश्वेत आंदोलन में भड़के दंगों ने हालात को और बिगाड़ा है। इस दौरान ट्रंप का रवैया बेहद आपत्तिजनक रहा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी तक कह डाला। आलोचकों का कहना है कि इन समस्याओं के बावजूद ट्रंप जीत की आस पाले बैठे हैं। कई चुनावी पोल में वह हारते दिखाई दे रहे हैं।