Joe Biden ने जनता के किया बड़ा वादा, राष्ट्रपति बने तो सबको मुफ्त में मिलेगी कोरोना वैक्सीन वहीं अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सूडान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों की अमरीकी सूची से बाहर कर दिया है। सूची में शामिल होने पर देश में आर्थिक मदद और निवेश को रोक दिया जाता है।
26 सालों की दुश्मनी मिटी कुछ माह पहले संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इसराइल से शांति समझौता किया था। ये दो पहले ऐसे खाड़ी देश हैं, 26 सालों की दुश्मनी मिटाकर में पहली बार इजराइल को मान्यता दी।
सूडान, इसराइल और अमरीका के संयुक्त बयान के अनुसार आने वाले सप्ताह में एक प्रतिनिधिमंडल की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में तीनों देश कृषि, विमानन और प्रवासन संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। मगर ये बैठक कब होगी इसकी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है।
समझौतों को धोखा मानता है फलस्तीन 1948 में इजराइल की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से मिस्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में इजराइल के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इजराइल के साथ अरब देशों के बढ़ते बेहतर रिश्तों को लेकर फलस्तीन ने आलोचना भी की है। वह समझौतों को धोखा मानता है। अब तक अरब कुछ शर्तों के साथ इजराइल के साथ शांति समझौते की बात करते रहे हैं। इन शर्तों में 1967 में इजराइल ने जिन इलाकों पर कब्जा किया, उन्हें छोड़ने। फलस्तीन को पूर्वी येरुशलम राजधानी के साथ मान्य देना शामिल है।
Poland ने गर्भपात पर लगाई पाबंदी, कई सगंठनों ने बताया शर्मनाक फैसला ट्रंप ने दोनों नेताओं से की बातचीत अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सूडान को आतंक प्रायोजित देशों की सूची से बाहर करने के थोड़ी देर बाद रिपोर्ट को राष्ट्रपति के ओवल दफ्तर ले जाया गया। यहां राष्ट्रपति ट्रंप सूडान और इजराइल के नेताओं के साथ फोन पर बातचीत की। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस समझौते को लेकर कहा कि ये ‘शांति के लिए एक आकस्मिक सफलता’ और एक ‘नए युग’ की शुरुआत है।
स्लीप जो ऐसा नहीं कर पाते: ट्रंप सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने ट्रंप का आभार जताया। उनके देश को आतंकवाद की सूची से हटाने के लिए अमरीका का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सुडान सरकार ऐसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों की ओर ध्यान दे रही है जिसमें उनके लोगों का सबसे अधिक हित हो। वहीं ट्रंप ने दोनों देशों के नेताओं से बात करते हुए कहा, ‘क्या आपको लगता है कि ‘स्लीपी जो’ (सुस्त जो) ये समझौता कर सकते थे। उन्हें ऐसा नहीं लगता है। उनके निशाने राष्टपति चुनाव के उम्मीदवार जो बिडेन थे। जिन्हें विरोधी ‘स्लीपी जो’ के नाम से पुकारते हैं।