खास बात यह है कि हैनकॉक ने इस नए प्रकार को ज्यादा चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि चिंता की बात यह है कि इन दोनों मरीजों में मिला वायरस का नया रूप ब्रिटेन में हाल ही में मिले वायरस के एक अन्य रूप से भी ज्यादा संक्रामक है।
भारत में क्यों हुई कोरोना वायरस से इतनी बड़ी तादाद में मौतें, सरकार ने बताई ये बड़ी वजह सामने आया तीसरा प्रकार
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का ये तीसरा प्रकार बताया जा रहा है। इससे पहले कोविड-19 और vu20202102 ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया था। इस वायरस के नए प्रकार को ही पहले वाले से 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का ये तीसरा प्रकार बताया जा रहा है। इससे पहले कोविड-19 और vu20202102 ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया था। इस वायरस के नए प्रकार को ही पहले वाले से 70 फीसदी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा था।
अभी इनका खतरा टला ही नहीं था कि तीसरे प्रकार ने हड़कंप मचा दिया है। दक्षिण अफ्रीका से लौटे दो लोगों में पाए गए। इसके बाद ब्रिटेन के हेल्थ सेक्रटरी मैट हैनकॉक ने कहा, ‘दक्षिण अफ्रीका की जीनोमिक सिक्वेंसिंग क्षमता का शुक्र है कि हमें यहां यूके में इस नए वेरिएंट से जुड़े दो मामलों का पता लग सका। ये दोनों ही मामले उनके संपर्क में थे जो बीते हफ्तों में दक्षिण अफ्रीका का सफर कर लौटे थे।’
पिछले स्ट्रेन से ज्यादा तेजी से फैलने के संकेत
हैन्कॉक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि नया प्रकार यूके में पिछले हफ्ते मिले कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट से भी अधिक तेजी से फैल सकता है।
नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों के निकटतम संपर्कों और बीते 15 दिनों में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोग या जो इनके संपर्क में रहे हों, सभी को क्वारंटीन किया जाएगा।’
हैन्कॉक ने चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि नया प्रकार यूके में पिछले हफ्ते मिले कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट से भी अधिक तेजी से फैल सकता है।
नए वेरिएंट से संक्रमित लोगों के निकटतम संपर्कों और बीते 15 दिनों में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले लोग या जो इनके संपर्क में रहे हों, सभी को क्वारंटीन किया जाएगा।’
भारत में वायु प्रदूषण घोंट रहा जीडीपी का गला, लैंसकार्ट की रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा ऐसे मिलेगी राहत इंग्लैंड पब्लिक हेल्थ की सुसान हॉपकिन्स के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका से जुड़े नए वेरिएंट पर वैक्सीन से नियंत्रण कर लिया जाएगा। साथ ही जो वैक्सीन पहले ही बनाई जा चुकी हैं वे भी इस पर प्रभावी रहेंगी।
दरअसल हॉपकिन्स के मुताबिक अब तक ऐसे कुछ नहीं मिला जो ये बताए कि वैक्सीन का असर इस नए प्रकार पर नहीं होगा।
दरअसल हॉपकिन्स के मुताबिक अब तक ऐसे कुछ नहीं मिला जो ये बताए कि वैक्सीन का असर इस नए प्रकार पर नहीं होगा।
ऐसे में हम मानकर चल रहे हैं कि इस नए प्रकार को भी वैक्सीन क्योर कर सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि वैक्सीन से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और यह वायरस में होने वाले कई बदलावों के प्रति असरदार है।