विश्‍व की अन्‍य खबरें

जलवायु परिवर्तन का प्रकोप: दक्षिण अफ्रीका में 4.5 करोड़ लोग भूखे सोने को मजबूर

जलवायु परिवर्तन के कारण सूखाग्रस्त है दक्षिण अफ्रीका
क्षेत्र में अधिक गर्मी और सूख बढ़ता जा रहा है

Dec 16, 2019 / 09:07 am

Shweta Singh

जिम्बाब्वे। जलवायु परिवर्तन के चलते दुनिया के लगभग हर कोने पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। विकासशील हो या विकसित, गरीब हो या अमीर हर देश पर इस समस्या का गंभीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। कहीं बर्फ पिघलने की समस्या कहीं बाढ़ तो कहीं असमान्य भीषण गर्मी ये सभी जलवायु परिवर्तन के ही नतीजे हैं। कुछ ऐसे ही परिणाम भुगत रहा है दक्षिण अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे। देश के कई इलाके जलवायु परिवर्तन के कारण सूखाग्रस्त है।

45 मिलियन लोगों पर मंडरा रहा खतरा

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रह है कि पश्चिमी जिम्बाब्वे के कई इलाके भयंकर सूखे की चपेट में हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण आए इस अंजाम का खतरा 45 मिलियन लोगों पर मंडरा रहा है। ये सब सिर्फ इस कारण हुआ क्योंकि औसत वैश्विक तापमान बढ़ने के साथ, दक्षिणी अफ्रीका का तापमान दोगुना होने की कगार पर पहुंच चुका है। इसके चलते क्षेत्र और अधिक गर्म और सूख होता जाएगा।

इस समस्या का एक और बुरा परिणाम का उदाहरण है विक्टोरिया फॉल। कभी दुनिया के सबसे लोकप्रिय झरनों में से रहा यह फॉल्स, अब केवल एक छलावा मात्र है। जांबेजी नदी पर स्थित विक्टोरिया फॉल्स, दक्षिणी अफ्रीका की सूखे की स्थिति का कारण है। दरअसल, इस देश में बीते कई वर्षों से सूखे का प्रकोप है। इसका असर अब यहां की सुंदरता पर पड़ रहा है। और क्योंकि यहां की आबादी सीधे तौर पर मौसम पर अपनी जीविका के लिए निर्भर करती है, इसलिए यहां के लोगों को सबसे अधिक बुरा परिणाम झेलना पड़ रहा है। खेती के लिए मॉनसून के पानी का इस्तेमाल करने वाले यहां के हजारों किसान अब भूखमरी के चपेट में हैं।

drought_3.jpg

अफ्रीका के सात देशों पर मुसीबत

यहां की खेती की जमीन किलोमीटर दर किलोमीटर अब सूखे रेत में तब्दील हो चुकी है। लोगों को यहां दिन में सिर्फ एक बार ही खाने के लिए भोजन उपलब्ध हो रहा है। इसके चलते अफ्रीका के करीब 7 क्षेत्र सबसे ज्यादा मुसीबत में हैं। सिएरा लियोन (Sierra Leone), दक्षिण सूडान, नाइजीरिया, चाड (Chad), इथियोपिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और इरिट्रिया (Eritrea) का नाम दुनिया के उन शीर्ष 10 देशों की सूची में है जो जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक असुरक्षित है।

यही नहीं, पिछले साल केपटाउन जैसे शहर में पानी के त्राहि-त्राहि मची हुई थी और आने वाले दिनों में ऐसी त्रासदी की संभावनाएं तीन गुना बढ़ चुकी हैं।

Hindi News / world / Miscellenous World / जलवायु परिवर्तन का प्रकोप: दक्षिण अफ्रीका में 4.5 करोड़ लोग भूखे सोने को मजबूर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.