CIA की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने WHO को धमकी दी थी कि अगर उसने अलर्ट जारी किया तो वो उसे कोरोना संक्रमण की जांच में शामिल नहीं होने देगा। कहा जा रहा कि चीन कोरोना संक्रमण (Covid-19) फैलने की स्थिति के लिए PPE, मास्क और अन्य मेडिकल सामनों की जमाखोरी करना चाहता था। एक अंग्रेजी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार जब तक WHO ने चेतावनी जारी नहीं की तब तक चीन ने दुनिया के तमाम देशों से PPE, मास्क, दस्ताने और अन्य ज़रूरी सामान मंगाकर इकठ्ठा कर लिए। संक्रमण ख़त्म होने के बावजूद भी चीन के पास 2 करोड़ मास्क मौजूद हैं जिन्हें वो अन्य देशों को ऊंचे दामों पर बेच रहा है। ‘UN-China: WHO Mindful But Not Beholden to China’ नामक सीआईए की रिपोर्ट के अनुसार WHO ने कोरोना की जांच में बने रहने के लिए कोरोना से जुड़े खतरों को लेकर दुनिया को अर्लट करने में जानबूझकर देरी की।
CIA के अलावा जर्मन इंटेलीजेंस एजेंसी BND के मुताबिक जिनपिंग के कहने पर ही कोरोना के इंसानों से इंसानों में फैलने की बात को 15 दिन तक छिपाया गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने खुद WHO चीफ टेडरॉस एडनॉम से इस बारे में बातचीत की और उन्हें अलर्ट जारी करने के लिए रोका था। चीन के दबाव में WHO ने जानकारी देने में 6 हफ्तों की देरी की। इसके चलते यूरोप और एशिया समेत कई अन्य देशों में कोरोना महामारी तेजी से फैल गई। जबकि बताया जाता है कि ताइवान की लैब ने 10 जनवरी को ही WHO को बता दिया था कि वायरस इंसानों से इंसानों में फ़ैल रहा है। इसके बावजूद WHO की ओर से इस बारे में ध्यान नहीं दिया गया।