व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने एयरफोर्स वन पर सवार संवाददाताओं से कहा कि मुझे नहीं लगता कि कार्रवाई के लिए कोई स्व-नियत समय सीमा है, लेकिन मुझे लगता है कि हम महीनों में नहीं बल्कि हफ्तों में इस पर निर्णय लेंगे। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अटलांटा से उड़ान भरने के दौरान उन्होंने ये बात कही।
देशभर में तेजी से चाल बदल रहा मौसम, विभाग ने देश के इन राज्यों में अगले कुछ घंटों में भारी बारिश का जारी किया अलर्ट मीडोज के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों की निगरानी करने वाले ऐसे कई प्रशासन अधिकारी हैं, जो टिकटॉक, वीचैट और अन्य चीनी एप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम की संभावना के रूप में देखते हैं। इन अधिकारियों का मानना है कि ये एप्स अमरीकी नागिरकों की जानकारी को एकत्रित करते हैं।
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प और तनाव के बाद उठाए गए कड़े कदम ने अमरीका के प्रतिबंध लगाने के कदम और गति दे दी। भारत ने 59 चाइनीज एप पर बैन लगाकर चीन को सीधा संदेश दिया था।
अब अमरीका भी इसी कड़ी में अहम फैसला लेने जा रहा है। विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब को एक वर्चुअल एक्सचेंज में बताया कि उन्होंने फैसला लिया है कि भारत में काम कर रहे सिस्टम से 50 से ज्यादा चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि उसे अमरीका ने ऐसा करने को कहा था। बल्कि भारत ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से भारतीय लोगों के लिए खतरा देख सकता था।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में बीजेपी नेता का आतंकियों ने किया अपहरण, मचा हडकंप पोम्पियो ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अमरीका जल्दी ही टिकटॉक को देश में प्रतिबंधित कर सकता है। उन्होंने इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया था और कहा था कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अमरीकी नागरिकों का डाटा एकत्रित कर रही है।