क्या होता है डॉगफाइट, इसका चलन अभी तक युद्ध में बंद क्यों नहीं हुआ? 13 मार्च तक आपत्ति दर्ज कराने का समय
संयुक्त राष्ट्र में अपने प्रस्ताव के जरिए संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद पर प्रतिबंध समिति से अजहर की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध और संपत्ति को जब्त करने के लिए कहा है। फिलहाल यूएन की समिति ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का समय सभी पक्षों को दिया है।
संयुक्त राष्ट्र में अपने प्रस्ताव के जरिए संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद पर प्रतिबंध समिति से अजहर की वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध और संपत्ति को जब्त करने के लिए कहा है। फिलहाल यूएन की समिति ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का समय सभी पक्षों को दिया है।
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इससे पहले भी चीन ने सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट और अलकायदा प्रतिबंध समिति को 2016, 2017 और 2018 में जैश आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया था। इस बार मसूद अजहर के खिलाफ यह प्रस्ताव यूएन में अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया है। यूएन में मतदान के दौर चीन इस प्रस्ताव को वीटो कर देगा। हालांकि भारत-पाक तनाव के बीच चीन की ओर से इस बार अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
इससे पहले भी चीन ने सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट और अलकायदा प्रतिबंध समिति को 2016, 2017 और 2018 में जैश आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया था। इस बार मसूद अजहर के खिलाफ यह प्रस्ताव यूएन में अमरीका, ब्रिटेन और फ्रांस ने पेश किया है। यूएन में मतदान के दौर चीन इस प्रस्ताव को वीटो कर देगा। हालांकि भारत-पाक तनाव के बीच चीन की ओर से इस बार अभी तक कोई बयान नहीं आया है।
3 महाशक्ति आए खुलकर भारत के पक्ष में
आपको बता दें कि भारत की ओर से मुंबई हमले के बाद 2009 में संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद भारत ने 2016 और 2017 में भी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। हर बार चीन यूएन में वोटिंग के दौरान अड़ंगा लगा देता है। इस बार फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव भेजने का फैसला किया था। इस मामले में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार से बातचीत भी की थी। इसके बाद प्रस्ताव का ब्रिटेन और अमरीका ने भी समर्थन किया है।
आपको बता दें कि भारत की ओर से मुंबई हमले के बाद 2009 में संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। इसके बाद भारत ने 2016 और 2017 में भी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया था। हर बार चीन यूएन में वोटिंग के दौरान अड़ंगा लगा देता है। इस बार फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी सूची में शामिल करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव भेजने का फैसला किया था। इस मामले में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमेनुएल मैक्रों के कूटनीतिक सलाहकार से बातचीत भी की थी। इसके बाद प्रस्ताव का ब्रिटेन और अमरीका ने भी समर्थन किया है।