साउथ चाइन सी पर पूरी तरह से कब्जा करने की रणनीति के साथ आगे बढ़ने वाले चीन ने छोटे-छोटे पड़ोसी देशों को धमकाता आया है। हालांकि छोटे-छोटे देशों ने भी चीन के सामने झूकना स्वीकार नहीं किया है। इस बीच साउथ चाइना सी पर चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए अमरीका ने दखल दिया, जिसके बाद से अमरीका ( America ) के तीखे तेवरों से चीन बैकफुट पर आ गया है।
यही कारण है कि अब चीन ने अपने कदम पीछे खीच लिए हैं और अपने सैनिकों को ये आदेश दिया है कि वह किसी भी हाल में पहली गोली अपनी तरफ से न चलाए।
अमरीका चीन में बढ़ता तनाव
आपको बता दें कि चीन लगातार साउथ चाइना सी ( South China Sea ) पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए छोटे-छोटे देशों को धमकाता रहा है। इसमें फिलिपींस ( Philippines ) के कुछ द्वीपों और ताइवान ( Taiwan ) पर अपना दावा करता रहा है। अमरीका लगातार इन देशों की मदद करने की बात कर रहा है। चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमरीका ने साउथ चाइना सी में पिछले महीने अपने दो युद्धपोतों वॉरशिप यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज ( Warship USS Ronald Reagan and USS Nimitz ) को भी तैनात कर दिया। इसके बाद से चीन के तेवर थोड़े ढीले पड़ गए।
मीडिया रिपोर्ट में चीन के एक अफसर के हवाले से ये बताया गया है कि दक्षिण चीन सागर में तैनात चीन की नेवी को सरकार ने साफ आदेश दिए हैं कि किसी भी अमरीकी जहाज या प्लेन पर किसी भी हालत में अपनी तरफ से पहला फायर नहीं किया जाए। जितना संभव हो तनाव को कम करने की कोशिश करें।
रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ चाइना सी में अमरीका की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए पिछले हफ्ते चीन के रक्षामंत्री ने अमरीकी रक्षा मंत्री से बात की थी। अमरीकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ( US Defense Minister Mark Asper ) ने चीन के डिफेंस मिनिस्टर से साफ कहा था कि तनाव कम करने या रोकने की जिम्मेदारी चीन की है। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि अमरीका किसी भी आक्रामक रवैये को सहन नहीं करेगा, इसका जवाब दिया जाएगा।