चीन ने सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन के विदेशी मंत्रियों की बैठक से अलग दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के द्विपक्षीय वार्ता चाहता है। दरअसल, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (Foreign Minister S. Jaishankar ) और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ( Chinese Foreign Minister Wang Yi ) अगले महीने शंघाई सहयोग संगठन ( SCO ) के विदेश मंत्रियों की वार्ता के दौरान मॉस्को में मुलाकात कर सकते हैं।
Bihar Assembly Election 2020 : तेजप्रताप नई सीट हसनपुर से लड़ेंगे चुनाव, आज लालू से मिलकर लेंगे इजाजत जानकारी के मुताबिक चीन अब द्विपक्षीय वार्ता में ज्यादा रुचि दिखा रहा है। लेकिन अभी तक भारत की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। अभी 10 सितंबर को प्रस्तावित बैठक की औपचारिक रूप से पुष्टि होनी बाकी है।
इस बात की संभावना ज्यादा है कि भारत गुरुवार को इस पर अपना रुख स्पष्ट कर दे। विदेश मंत्रालय इस संबंध में आज स्थिति स्पष्ट कर सकता है। जानकारी के मुताबिक एस जयशंकर एससीओ में शामिल होने के लिए मास्को की एक छोटी यात्रा कर सकते हैं। इसके पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मास्को गए थे, लेकिन उनकी चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं हुई थी।
Gujrat : जिस विधायक पर हैं हत्या-दंगे के 15 आरोप, अब वही संभालेंगे डीपीसीए की जिम्मेदारी जानकारी के मुताबिक रूस भारत और चीन के बीच तनाव कम करने में रूस ( Russia ) रुचि ले रहा है। हालांकि रूस ने साफ किया है कि किसी तीसरे पक्ष की विवाद में जरूरत नहीं है। भारत और चीन स्वयं आपसी विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने में सक्षम हैं। अमरीका सहित पूरी दुनिया की निगाह भारत-चीन संबंधों पर है।
बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा ( Galvan Valley Violence ) के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की तनाव के बीच 17 जून को फोन पर बातचीत हुई थी। जयशंकर और वांग यी ने जून में रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय वर्चुअल बैठक में भी भाग लिया था। फिर 4 सितंबर को ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में भी दोनों भाग लेंगे, लेकिन दोनों सरकारों के बीच अभी तक कोई आमने-सामने द्विपक्षीय बैठक विवाद के बाद से नहीं हुई है।