ये भी पढ़ें: साइबेरिया: इंजन खराब होने पर रूसी विमान ने की आपात लैंडिंग, सभी 19 यात्री सुरक्षित इस रिपोर्ट के अनुसार खाद्य पदार्थों में हर एक किलो चीनी के उपयोग पर 310 रुपये और 1 किलो नमक के उपयोग पर 620 रुपये टैक्स की सिफारिश की गई है। इसे स्नैक्स टैक्स कहा जाएगा। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों पर लगेगा। इनमें चॉकलेट, बिस्कुट, चिप्स जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
करोड़ रुपए अतिरिक्त टैक्स चुकाएंगे नए प्रस्तावों पर विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इसे लागू करने पर इंग्लैंड के लोग हर साल करीब 35,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त टैक्स चुकाएंगे। यानी 5.60 करोड़ की आबादी वाले ब्रिटेन में चार लोगों वाला हर परिवार करीब 25 हजार रुपए सालाना चुकाएगा। कई डॉक्टरों और स्वास्थ्य संगठनों ने इसका स्वागत करा है। मगर उद्योग समूहों ने चेतावनी दी है कि कंपनियां खाद्य पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतें ग्राहकों से ही वसूल करेंगी।
टैक्स का क्या है उद्देश्य टैक्स का लक्ष्य भोजन से रोज 4 से 10 ग्राम चीनी व 0.2 से 9.6 ग्राम नमक कम करना है। इस तरह से 15 से 38 ग्राम कैलोरी घटे। इंग्लैंड की फूड एंड ड्रिंक फेडरेशन के प्रमुख वैज्ञानिक केट हैलिवेल का कहना है कि इससे कमजोर परिवारों प्रभावित होंगे।
नमक-चीनी ने ब्रिटेनवासियों की सेहत पर डाला असर 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को खानपान वाले रोग
64 हजार मौतें बुरे खानपान से हर साल
7.64 लाख करोड़ रुपये का सालाना आर्थिक बोझ
8 रुपये में से 1 रुपया टाइप-2 डायबिटीज पर खर्च
1.30 करोड़ लोगों को मोटापा, 20 वर्ष में दोगुने
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ये भी पढ़ें: इमरान खान को दोस्त चीन की धमकी, चीनी स्पेशल फोर्स पाकिस्तान में करेगी मिसाइल हमला 2032 तक बदल जाएगा अंग्रेजों का खाना पीना ब्रिटिश सरकार अपने नागरिकों के खानपान में 2032 तक बड़ा बदलाव लाने के लिए काम कर रही है। 2032 तक भोजन में फलों और सब्जियों का अधिक करने के साथ फाइबर की मात्रा 50 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य है। चीनी, नमक और सैचुरेटेड फैट से बने भोजन 25 प्रतिशत तथा मांस का सेवन 30 प्रतिशत घटाने का लक्ष्य रखा है।