ब्राजील ने इस रोक के पीछे बड़ी वजह बताई है। भारतीय कंपनी का कहना है कि उसकी बातचीत अभी ब्राजील से जारी है। यह भी पढ़ेँः महाराष्ट्र में कोरोना के फिर मिले 43 हजार से ज्यादा केस, 249 लोगों की मौत
इस वजह से लगाई गई रोक
ब्राजील के हेल्थ रेगुलेटर्स एन्विसा ( ANVISA ) ने 1 से 5 मार्च के बीच हैदराबाद में कंपनी की साइट का इंस्पेक्शन किया था। इस दौरान रेगुलेटर्स को मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया में खामियां दिखीं।
ब्राजील के हेल्थ रेगुलेटर्स एन्विसा ( ANVISA ) ने 1 से 5 मार्च के बीच हैदराबाद में कंपनी की साइट का इंस्पेक्शन किया था। इस दौरान रेगुलेटर्स को मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया में खामियां दिखीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी ब्राजील के गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) जरूरतों पर खरी नहीं उतरती है। इसके तहत ‘अच्छे उत्पादन प्रैक्टिस के कई नियमों के अनुपालन करने में नाकामी’ की वजह से कोवैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग मानकों पर खरा नहीं उतर पाया है।
इसमें दस्तावेजीकरण, आकलन के तरीकों जैसी चीजें शामिल थीं। इसके साथ ही जीवाणुरोधी, कीटाणुनाशक, वायरस को हटाने या निष्क्रिय करने के लिए अपनाए गए तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाया गया था। ये कहना है ब्राजील सरकार का
ब्राजील सरकार की ओर से जारी गजट में कहा गया है कि दवाइयों के लिए गुड मेन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज का पालन नहीं होने की वजह से कोवैक्सीन को रिजेक्ट किया गया है।
ब्राजील सरकार की ओर से जारी गजट में कहा गया है कि दवाइयों के लिए गुड मेन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज का पालन नहीं होने की वजह से कोवैक्सीन को रिजेक्ट किया गया है।
आपको बता दें कि ब्राजील सरकार ने वैक्सीन के दो करोड़ डोज प्राप्त करने के लिए ब्राजील में भारत बायोटेक का प्रतिनिधित्व करने वाली कंपनी ‘प्रेसिस मेडिकामेंटोस’ के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। वहीं ब्राजील में किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए एन्विसा की मंजूरी काफी जरूरी होती है।
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कोविड-19 टीकों में कोरोनावैक (सिनोवैक बायोटेक की ओर से उत्पादित), जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन और ऑस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन को एन्विसा से मंजूरी मिल चुकी है।
कोविड-19 टीकों में कोरोनावैक (सिनोवैक बायोटेक की ओर से उत्पादित), जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन और ऑस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन को एन्विसा से मंजूरी मिल चुकी है।
भारत ने ब्राजील में अपनी कोवैक्सीन की आपातकालीन मंजूरी के लिए 8 मार्च को आवेदन दिया था। वहीं दो करोड़ डोज को मार्च से मई के बीच भेजा जाना था, लेकिन फिलहाल ब्राजील ने इस पर रोक लगा दी है। यहां ये जान लें कि दुनियाभर में ब्राजील अमरीका के बाद दूसरा देश है जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा सबसे ज्यादा है।