चौंक गए ना आप, लेकिन सही है। दरअसल जापान ( Japan School Rules ) ऐसा देश है जो अपने स्कूलों में बच्चों के पहनने वाले ड्रेस कोड को लेकर अकसर चर्चा में रहता है। खास बात यह है कि यहां कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जो बच्चों के अंडर गारमेंट्स के रंगों को भी तय करते हैं।
एक जनवरी से 11 चीजों में हो रहा है बड़ा बदलाव, जानिए आपकी जिंदगी पर कैसे पड़ेगा सीधा असर जापान के कुछ स्कूल ऐसे हैं जो अपने यहां पढ़ने वालों बच्चों के अंडरवियर का रंग तय करते हैं। यानि स्कूल के दिनों में बच्चे किस दिन कौन से कलर के अंडरगारमेंट में आएंगे ये स्कूल की ओर से ही तय किया जाता है।
इसके अलावा कई स्कूल बैग से लेकर जूतों के ब्रांड भी तय करते हैं। स्कूल ही खाने के नियम भी तय करते हैं।
इसके अलावा कई स्कूल बैग से लेकर जूतों के ब्रांड भी तय करते हैं। स्कूल ही खाने के नियम भी तय करते हैं।
आपको बता दें कि wionews डॉट कॉम ने ‘जापान टुडे’ के हवाले से छपी एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी है कि देश के कुछ स्कूल बच्चों के अंडर गारमेंट का रंग तय करते हैं।
स्कूल में नहीं होते सफाई कर्मचारी
इसमें बताया है कि जापान के स्कूलों के अजीबोगरीब नियम पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के नियम इस कदर हैं कि स्कूलों की सफाई के लिए कर्मचारी नहीं रखे जाते हैं। वहां बच्चे ही अपनी कक्षाओं की सफाई करते हैं। इसमें शिक्षक भी बच्चों का सहयोग करते हैं।
इसमें बताया है कि जापान के स्कूलों के अजीबोगरीब नियम पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के नियम इस कदर हैं कि स्कूलों की सफाई के लिए कर्मचारी नहीं रखे जाते हैं। वहां बच्चे ही अपनी कक्षाओं की सफाई करते हैं। इसमें शिक्षक भी बच्चों का सहयोग करते हैं।
स्टूडेंट खुद ही धोते हैं बर्तन
स्कूलों में कई तरह के नियमों का स्टूडेंट्स को पालन करना होता है। इसके तहत बच्चे सिर्फ क्लासरूम में बैठकर ही लंच कर सकते हैं। यही नहीं उन्हें अपने लंच के बर्तन भी खुद ही धोना होते हैं।
स्कूल में बच्चों के साथ टीचर्स भी लंच करते हैं। भोजन के लिए बच्चों को ही अपनी प्लेट और मैट लाना होती है।
स्कूलों में कई तरह के नियमों का स्टूडेंट्स को पालन करना होता है। इसके तहत बच्चे सिर्फ क्लासरूम में बैठकर ही लंच कर सकते हैं। यही नहीं उन्हें अपने लंच के बर्तन भी खुद ही धोना होते हैं।
स्कूल में बच्चों के साथ टीचर्स भी लंच करते हैं। भोजन के लिए बच्चों को ही अपनी प्लेट और मैट लाना होती है।
लड़कियों के लिए ये पाबंदियां
इन स्कूलों में लड़कियों के लिए कई नियम हैं। उनमें सबसे अहम है कि लड़कियां अपने बाल लंबे नहीं रख सकती हैं। इसके अलावा उन्हें गहने और मेकअप करने पर भी पाबंदी है।
इन स्कूलों में लड़कियों के लिए कई नियम हैं। उनमें सबसे अहम है कि लड़कियां अपने बाल लंबे नहीं रख सकती हैं। इसके अलावा उन्हें गहने और मेकअप करने पर भी पाबंदी है।
लड़कों के लिए नियम
रिपोर्ट के मुताबिक इन स्कूलों में लड़कों के लिए भी कुछ सख्त नियम हैं। इसके तहत लड़कों को हर दिन शेव (दाढ़ी बाना) करनी होती है। साथही कोई भी बच्चा अपने बाल डाई नहीं कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक इन स्कूलों में लड़कों के लिए भी कुछ सख्त नियम हैं। इसके तहत लड़कों को हर दिन शेव (दाढ़ी बाना) करनी होती है। साथही कोई भी बच्चा अपने बाल डाई नहीं कर सकता है।
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इन स्कूलों में ठंड के मौसम में कोई भी बच्चा स्कूल यूनिफार्म के साथ रंग बिरंगे जैकेट या स्वेटर नहीं पहन सकता है।
इन स्कूलों में ठंड के मौसम में कोई भी बच्चा स्कूल यूनिफार्म के साथ रंग बिरंगे जैकेट या स्वेटर नहीं पहन सकता है।
बच्चों को केवल नीली, भूरी और काले रंग की स्वेटर पहनने की इजाजत है। यहां के स्कूलों में जूनियर हाई स्कूल तक बच्चों को स्कूल यूनिफार्म पहननी होती है। शिक्षकों के साथ बेहद अदब से पेश आना होता है। ऐसा ना करने पर दंड दिया जाता है। स्कूल से निकाला भी जा सकता है।