अमरीका (US) की पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स पेड्रो बर्नार्डिनेली और खगोलविद गैरी बर्नस्टीन द्वारा खोजे गए धूमकेतु को C/2014 UN 271 या बर्नार्डिनेली-बर्नस्टीन (Bernardinelli-Bernstein) का नाम दिया गया है।
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सामान्य धूमकेतु से 10 गुना चौड़ा
खगोलविदों के अनुसार इस बर्फीले पिंड का व्यास 62 मील से 124 मील (100 से 200 किमी) हो सकता है। ये सामान्य धूमकेतु से लगभग 10 गुना ज्यादा चौड़ा है। Space.com में प्रकाशित रिपोर्ट में नेशनल साइंस फाउंडेशन के नेशनल ऑप्टिकल-इन्फ्रारेड एस्ट्रोनॉमी रिसर्च लेबोरेटरी (NOIRLab) के बयान में बर्नस्टीन ने कहा , ‘अब तक उन्हें जितने भी धूमकेतु दिखाई दिए हैं, उनमें से सबसे बड़ा धूमकेतु खोजा है’।
हालांकि इसके आकार को लेकर अनुमान काफी कठिन है, क्योंकि धूमकेतु पृथ्वी से बहुत दूर हैं। इसके आकार की गणना इस आधार पर की गई है कि यह सूर्य की कितनी रोशनी को रिफ्लेक्ट करने में सक्षम है। ऐसा माना जा रहा है कि यह धूमकेतु 2031 में हमारे ग्रह के सबसे करीब होगा। हालांकि तब भी वह बहुत दूर यानी कि 11 AU ( Astronomical unit) होगा।
सूरज से करोड़ों किलोमीटर दूर धूमकेतु
यह धूमकेतु सूर्य (Sun) से करीब 20 एस्ट्रानॉमिकल यूनिट (AU) की दूरी पर है। एक एयू का मतलब पृथ्वी से सूर्य की दूरी है। यह करीब 93 मिलियन मील या 15 करोड़ किलोमीटर है।
इस धूमकेतु का जन्म सूर्य से करीब 40 हजार AU ऊर्ट क्लाउड में हुआ था। अंतरिक्ष का यह सुदूर और विशाल क्षेत्र है। इसके बारे में मान्यता है कि उसमें खरबों धूमकेतु हैं।
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धूमकेतु की झलक दिखी
इस धूमकेतु की झलक तब दिखाई दी, जब चिली के सेरो टोलोलो इंटर-अमरीकन ऑब्जर्वेटरी में रिसर्चर 570-मेगापिक्सेल सीसीडी इमेजर की मदद से डार्क एनर्जी सर्वे टेलिस्कोप की फोटो को जूम कर रहे थे। इस दौरान आसमान की गहराईयों में कई धूमकेतु दिखाई दिए जो नेप्च्यून से बाहर चक्कर ला रहे हैं।