इस दौरान पुतिन और लूकाशेंको ने इस बात पर सहमति बनाई है कि बेलारूस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए वॉलंटिअर बनेगा। तीसरे चरण के ट्रायल सोमवार से शुरू हो जाएंगे। मीडिया रिर्पोट के अनुसार लूकाशेंको के कार्यालय ने पुतिन से इस पर बातचीत कर इसकी जानकारी दी है कि वैक्सीन हासिल करने वाला पहला देश बेलारूस होगा। हालांकि, क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में वायरस पर किसी वादे का जिक्र नहीं है, सिर्फ आपसी सहयोग की बात कही गई है।
आलोचना का शिकार हुए थे लूकाशेंको लूकाशेंको महामारी के शुरुआत में इसे गंभीरता से नहीं लेने के लिए आलोचना का शिकार हुए थे। लोगों का कहना है कि देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों के लिए लोग लूकाशेंको को जिम्मेदार मान रहे हैं। बेलारूस में नौ अगस्त को हुए विवादित चुनाव के बाद से ही देश में काफी बवाल मच रहा है। एक अनुमान के मुताबिक करीब डेढ़ लाख लोग राष्ट्रपति लुकाशेन्को के खिलाफ ताजा प्रदर्शनों में हिस्सा ले रहे हैं।
भारत से साथ साझेदारी पर विचार रूस इस समय कोरोना वैक्सीन के बड़े उत्पादन की सोच रही है। इसके लिए वह भारत से बातचीत कर रहा है। रूस का मनना है कि भारत में ‘स्पूतनिक V’ का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की क्षमता रखता है। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किरिल दमित्रिएव का कहना है कि रूस कोविड-19 के टीके स्पूतनिक-V के उत्पादन के लिए भारत के साथ साझेदारी पर विचार कर रहा है।