एक्जिट पोल्स की मानें तो न्यू साउथ वेल्स में लेबर की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है। इस राज्य के चुनाव में लेबर पार्टी को केवल दो सीटें मिलने की आशंका जताई जा रही है। बिल शॉर्टन और लेबर पार्टी ने पिछली बार मैल्कम टर्नबुल और गठबंधन से यहां कुछ अधिक निकाली थीं। उधर प्रवासी और शरणार्थी पुनर्वास एजेंसी, एम्स ने बताया कि 250,000 नए ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने अपने पहले ऑस्ट्रेलियाई चुनाव में मतदान किया। जिसमें 10,000 ऐसे लोग शामिल हैं जो पहली बार लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल रहे हैं। 16।4 मिलियन मतदाताओं ने नई सरकार चुनने के लिए वोट किया। इस बार का चुनाव मौजूदा प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ( prime minister Scott Morrison ) के लिए काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि बीते एक दशक में ऑस्ट्रेलिया की राजनीति अस्थिर रही है।
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किस ओर जाएगी बाजीचुनाव बाद यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि ऑस्ट्रेलिया की जनता इस बार बदलाव चाहती है। माना जा सकता है कि यह पीएम स्कॉट मौरिसन के लिए शुभ संकेत नहीं है। एक्जिट पोल से पता चलता है कि इस बार की जनता ने इस बार देश की गिरती अर्थव्यवस्था, लोगों के जीवन-स्तर में गिरावट, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर वोट किया है। विपक्षी लेबर पार्टी की ओर से इन्ही तमाम मुद्दों को लेकर चुनाव प्रचार किया गया है। वारिंगह के पांच बूथों से पूर्व प्रधान मंत्री टोनी एबॉट अपने चैलेंजर ज़ली स्टैगल से पीछे हैं। स्टैगल का प्राथमिक वोट 40% से अधिक है जबकि एबट का प्राथमिक वोट लगभग 32% है। मेलबर्न में एस्सेनडन फील्ड्स के हयात प्लेस में लेबर समर्थकों में खूब उत्साह है। लेबर समर्थकों को लगता है कि वह चुनाव जीत जाएंगे।
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