इस कोरोना वैक्सीन ने दिखाया कमाल, मरीजों का बेहतर हुआ हाल
एस्ट्राज़ेनेका के कोविड-19 वैक्सीन का बड़े-बूढ़े लोगों में प्रभावी नतीजा देखा गया: रिपोर्ट
वैक्सीन से बड़े आयु वर्ग के लोगों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी और टी-सेल्स का उत्पादन हुआ।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से कोरोना वैक्सीन बना रही ब्रिटिश नेशनल फार्मास्यूटिकल।
AstraZeneca COVID-19 Vaccine shows effective results in elderly people
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के बीच इसके इलाज या रोकथाम के बारे में किसी उपाय का इंतजार करने वालों के लिए अच्छी खबर है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) बीमारी का मुकाबला करने के लिए ब्रिटिश नेशनल फार्मास्यूटिकल एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ने वयस्कों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (इम्यून रिस्पॉन्स) दिखाई है।
क्या कहती है रिपोर्ट फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में दो अज्ञात लोगों का पता लगाने का हवाला देते हुए कहा गया है कि कंपनी जिस वैक्सीन का निर्माण कर रही है, उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी और टी-सेल्स का उत्पादन हुआ है। एस्ट्रोजेनेका ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है।
टेस्ट के नतीजे रिपोर्ट आगे कहा गया कि बड़े प्रतिभागियों के एक वर्ग पर लिए गए इम्यूनोजेनेसिटी ब्लड टेस्ट के निष्कर्ष और जुलाई के महीने में जारी डेटा से पता चला कि यह टीका 18-55 वर्ष की आयु के बीच स्वस्थ वयस्कों में ‘मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया’ उत्पन्न करने में सक्षम पाया गया था। महामारी के बढ़ते दायरे के बीच एस्ट्राजेनेका, फाइजर और मॉडर्ना दुनिया भर में कोविड-19 वैक्सीन का उत्पादन करने वाली अग्रणी कंपनियों में से हैं।
अमरीका में फिर से ट्रायल की अनुमति एस्ट्राजेनेका को अमरीकी नियामकों द्वारा, एक स्वयंसेवक के बीमार होने की खबरों के बीच एक महीने से अधिक समय तक देश में इसके परीक्षणों को फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। एस्ट्राज़ेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जारी बयानों के अनुसार अमरीकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने शुक्रवार को इसे फिर से परीक्षण शुरू करने के लिए अधिकृत किया।
कोरोना अपडेट गौरतलब है कि जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ट्रैकर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल दुनिया भर में कोरोना वायरस के कुल मामले 4.3 करोड़ के पास पहुंचने वाले हैं। फिलहाल दुनिया में कुल मामलों की संख्या 4,29,23,311 है, जिनमें से 11,52,978 लोगों ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है।