America: ड्रग्स का सेवन करने वाले अश्वेत व्यक्ति की हिरासत में मौत, पांच अधिकारियों ने दिया इस्तीफा एडोन्ट्स ने भारतीय समाचार चैनल से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए आश्चर्य की बात नहीं होगी क्योंकि 1990 के दशक में नागोर्नो-कराबाख में युद्ध छिड़ने के समय वहां पाकिस्तानी मौजूद थे।
दरअसल, दो नागरिकों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में इस बात का खुलासा हुआ कि अजरबैजान की ओर से पाकिस्तानी सैनिक लड़ रहे हैं। वहीं, एडोन्ट्स ने जिहादियों की फेहरिस्त में तुर्की का नाम भी शामिल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हम पर थोपा गया है।
गौरतलब है कि यह युद्ध 4400 वर्ग किलोमीटर के नागोर्नो कराबाख क्षेत्र पर कब्जे को लेकर हो रहा है। अजरबैजान इस क्षेत्र को अपना हिस्सा मानता है। इस पर आर्मेनिया के जातीय गुटों का राज है। युद्ध में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है।
फोन पर सुनी दो लोगों की वार्ता मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जिस बातचीत के आधार पर पाक की मौजूदगी का दावा किया जा रहा है, उसमें एक शख्स कहता हुआ पाया कि चिंता मत करो। 7-8 गांवों को आजाद कर दिया गया। वहीं दूसरा शख्स कहता है, हां मुझे पता है। मैंने इंस्टाग्राम पर देखा है कि फिजुली,अगदम को कब्जे से छुड़ा लिया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या गोलीबारी दूसरे नागरिक क्षेत्र में हो रही है, पहला शख्स कहता है, उन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों को इकट्ठा किया है और उन्हें अगदम की ओर ले गए हैं। आर्मेनिया चर्चा को तैयार
आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि देश संघर्ष विराम पर चर्चा को लेकर तैयार है। 1994-95 के समझौतों के आधार पर संघर्ष विराम की व्यवस्था बनाने के लिए मिन्सक समूह (रूस, फ्रांस और अमेरिका के अधिकारी) के संग जुड़ने को लेकर वह पूरी तरह से तैयार है।