फेसबुक, ट्विटर और गूगल के सीईओ 28 अक्टूबर को सीनेट की वाणिज्य समिति के समक्ष स्वेच्छा से गवाही देने के लिए पेश होंगे। इस दौरान अमरीकी सांसद तीनों से कुछ सवाल जवाब करेंगे। सांसद तीनों तकनीकी कंपनियों के सीईओ से इंटरनेट कंपनियों की रक्षा करने वाले एक प्रमुख कानून को लेकर जवाब मांगेंगे।
Facebook को हुआ 6.9 अरब डॉलर का मुनाफा, यूजर्स की संख्या पहुंची 2.32 अरब के पार
इस संबंध में शुक्रवार को फेसबुक और ट्विटर ने पुष्टि की है कि उनके सीईओ अमरीकी सीनेट के सामने पेश होंगे। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी जांच समिति के सामने उपस्थित होंगे। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अल्फाबेट के स्वामित्व वाले गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ( Google CEO Sundar Pichai ) भी गवाही देने के लिए समिति के समक्ष पेश होंगे।
बता दें कि गुरुवार को सीनेट की विशेष समिति ने तीनों कंपनियों के सीईओ को गवाही देने के लिए बुलाने की योजना को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। जिसके एक दिन बाद अब तीनों कंपनियों की तरफ से ये जानकारी सामने आई के उनके सीईओ सीनेट के सामने अपनी गवाही देंगे। खास बात यह है कि समिति के सामने सीईओ की पेशी वर्चुअल तरीके से होगी।
इससे पहले भी पेश हो चुके हैं तीनों सीईओ
आपको बात दें कि शुक्रवार को ट्विटर के सीईओ डोरसी ने ट्वीट करते हुए कहा कि सुनवाई इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि अमरीकियों के लिए सबसे अधिक क्या मायने रखता है। साथ ही चुनावों की रक्षा के लिए हम कैसे एक साथ काम करते हैं।
मालूम हो कि अभी हाल ही में गूगल, फेसबुक, एपल और अमेजन के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी प्रतिनिधि सभा की ज्यूडिशियरी कमेटी के एंटीट्रस्ट पैनल के सामने पेश हुए थे। सभी ने इस पैनल के सामने गवाही देते हुए अपनी बात रखी थी। पैनल इस बात की जांच कर रहा है कि कैसे कंपनियों का कामकाज अपने प्रतिद्वंद्वियों के कामकाज को नुकसान पहुंचा रहा है। माना जा रहा है अगले सोमवार तक इसकी रिपोर्ट आएगी।
फेसबुक डाटा लीक मामला: मार्क जुकरबर्ग ने कांग्रेस से लिखित में मांगी माफी, कहा- ये मेरी गलती
इधर, अमरीकी चुनावों में फर्जी खबरें, तस्वीरें या गलत तथ्यों के जरिए मतदाताओं को भटकाने की कोशिशों को रोकने के लिए फेसबुक ने सख्त दिशा-निर्देस जारी कर दिए हैं। कंपनी ने इंस्टाग्राम फोटो और वीडियों शेयरिंग सेवा पर अमरीकी चुनावों को प्रभावित करने वाले पोस्टों की अपलोडिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है। बहरहाल, अब देखना दिलचस्प होगा कि तीनों कंपनियों की सीईओ अपने पक्ष में क्या दलील पेश करते हैं और फिर समिति उसपर क्या निर्णय लेती है।