ओ ब्रायन ने चेतावनी देते हुए कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी प्रोपेगैंडा के माध्यम से अमरीकियों का लाभ उठाने का प्रयास कर रही है। वह बड़ी चीनी कंपनियों की मदद से निजी डेटा को चुराने की कोशिश में लगी है। यहां तक की उसने हॉलीवुड पर भी सेल्फ-सेंसरशिप का दबाव डाला है।
ब्रायन का कहना है कि चीन लोगों के दिमाग को नियंत्रित करने का प्रयास करता रहता है। कम्युनिस्ट पार्टी व्यापार का उपयोग अन्य देशों को दबाने के लिए करती है। ओ ब्रायन ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों से आगे जा कर भी चीन की पहुंच है। वह यहां भी अपनी बातें मनवा लेता है जहां चीनी प्रमुख नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम गब्रेयेसस वुहान वायरस पर चीन की हां में हां मिलाते रहे। मध्य जनवरी में उन्होंने दावा किया कि यह बीमारी इंसान से इंसान में नहीं फैलती है। इसके साथ अंतरराष्ट्रीय यात्रा पाबंदियों का विरोध किया।
ब्रायन ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ अपनी रूपरेखा तैयार कर ली है। इससे चीन के मंसूबे असफल साबित होंगे। अमरीका में प्रशासन द्वारा उठाए गए छह कदमों की रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है।
गौरतलब है कि चीन से धोखा खाने के बाद अमरीका पूरी तरह से सतर्क है। कोरोना वायरस महामारी के कारण अमरीका में अब तक एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं अमरीका को कई मोर्चों पर नुकसान झेलना पड़ रहा है। अर्थव्यवस्था के साथ बेरोजगारी का दंश भी देखने को मिला है। हाल ही में अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियों ने दक्षिण ऐशिया की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि वह अमरीकी सेनाओं को यूरोपीय देशों से हटाकर भारत और दक्षिण ऐशिया की सीमाओं की सुरक्षा के लिए लगाना चाहते हैं।