कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग कितनी असरदार?
इनमें ईरान की सरकारी मीडिया प्रेस टीवी की अंग्रेजी वेबसाइट,यमन के हूती विद्रोहियों का अल मसीराह सैटलाइट न्यूज चैनल और ईरान का सरकारी अरबी भाषा का टीवी चैनल अल-अलम शामिल है।
अमरीका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यह एक सख्त कदम है। अमरीकी सरकार ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं करी है।
वेबसाइट्स खोलने पर आ रहा ये मैसेज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन वेबसाइट पर जाने पर अमरीकी सरकार की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई कानूनी है। इसके साथ अमरीकी सरकार ने फलस्तीन टीवी न्यूज वेबसाइट डोमेन के नाम पर भी कब्जा कर लिया है। यह वेबसाइट गाजा में सक्रिय हमास और इस्लामिक जिहाद की विचारधारा को आगे बढ़ाता है। इस वेबसाइट पर भी यही नोटिस दिया गया है।
बीते साल सौ वेबसाइट्स हो गई थी बंद
बीते साल अमरीका के न्याय विभाग ने ऐलान किया था कि उसने ईरान के शक्तिशाली रिवोल्यूशनरी गार्ड की करीब 100 वेबसाइटों को ब्लॉक कर दिया है। अमरीका के न्याय विभाग के अनुसार ये वेबसाइट्स ‘वैश्विक दुष्प्रचार अभियान’ को चला रहीं हैं। इनका मकसद अमरीका की नीतियों को प्रभावित करना और ईरान के गलत संदेशों का प्रचार करना है।
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परमाणु समझौता पर चर्चा
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के उद्देश्य से 2015 में किए गए ऐतिहासिक परमाणु समझौते को दोबारा लागू करवाने की कवायद तेज हो गई है। इसे लेकर रविवार को ईरान और दुनिया के पांच शक्तिशाली देशों के राजनयिकों के बीच चर्चा हुई। इसमें अमरीका भी शामिल है। बैठक में शामिल कई राजनयिकों ने बताया कि उन्होंने जिन मुद्दों बात की है, उन्हें संबंधित देशों की सरकारों द्वारा मंजूरी मिलना जरूरी है।