41 वर्षों में ऐसा पहला अवसर होगा जब कोई अमरीकी मंत्री ताइवान ( American Minister Taiwan Visit ) के दौरे पर जाएंगे। इससे पहले अमरीका और ताइवान के बीच 1979 में औपचारिक द्विपक्षीय संबंध समाप्त हो गए थे। हालांकि अब चार दशक बाद किसी अमरीकी कैबिनेट मंत्री की यह पहली ताइवान यात्रा होगी।
अमरीकी मंत्री के दौरे को लेकर चीन भड़क गया है। चीन ( China ) ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमरीका और चीन के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर चल रहे तनातनी के बीच अमरीकी मंत्री के ताइवान दौरे से दोनों देशों में तनाव और भी बढ़ सकता है।
ताइवान पर दावा करता है चीन
आपको बता दें कि ताइवान में अमरीकी दूतावास ( American Embassy ) के तौर पर काम करने वाले ‘अमरीकी इंस्टीट्यूट इन ताइवान’ (AIT) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ऐलक्स अजार की ‘ऐतिहासिक यात्रा अमरीका और ताइवान के संबंधों को मजबूत करेगी। इतना ही नहीं कोरोना महामारी ( Coronavirus Epidemic ) से लड़ने में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा।’ AIT ने कहा कि यात्रा की विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।
ताइवान दौरे को लेकर अजार ने भी एक बयान में कहा कि ताइवान कोरोना संक्रमण और उससे पहले भी वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में सहयोग और पारदर्शिता की मिसाल पेश की है। ऐसे में ताइवान के साथ अमरीका स्वास्थ्य क्षेत्र में मिलकर अच्छा काम कर सकता है।
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मालूम हो कि चीन ने अमरीकी मंत्री के ताइवान दौरे पर आपत्ति जताई है। इससे पहले भी ताइवान और अमरीका के बीच किसी भी प्रकार से आधिकारिक संपर्क का चीन विरोध करता रहा है। चूंकि चीन काफी लंबे समय से ताइवान पर अपना दावा ( China Cliam On Taiwan ) करता रहा है। हालांकि ताइवान खुद को एक अलग राष्ट्र मानता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई देशों का समर्थन हासिल है।
अमरीका-चीन में तकरार
बता दें कि अमरीका और चीन के बीच हाल के दिनों में कई मुद्दों को लेकर तनातनी काफी बढ़ गई है। इसमें दक्षिण चीन सागर ( South China Sea ), व्यापार, प्रौद्योगिकी और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके को लेकर दोनों देश आमने-सामने आ चुके हैं।
साउथ चाइना सी में बढ़ते टकराव के बीच अमरीका ने जहां ह्यूस्टन स्थित चीनी दूतावास ( Chinese Consulate ) को बंद कर दिया, तो वहीं चीन ने भी चेंगदू स्थित अमरीकी दूतावास ( American Consutale ) को बंद कर दिया है। इसके अलावा अमरीका ने चीनी अधिकारियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। आर्थिक तौर पर भी दोनों देशों एक-दूसरे पर प्रतिबंध लगाए हैं।