रिपब्लिकन पार्टी के सीनेटर जॉन कॉर्निन (John Cornyn) ने अपने ट्वीट में कहा है कि खूनी झड़प के बाद भारत ने टिकटॉक और दर्जनों चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं रिपब्लिकन पार्टी के ही सांसद रिक क्रोफोर्ड ने कहा कि टिकटॉक को जाना ही चाहिए और इसे तो पहले ही प्रतिबंधित कर देना चाहिए था।
चीनी सरकार का इससे हो रहा था फायदा बीते हफ्ते अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन का आरोप था कि चीनी सरकार टिकटॉक का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है। अमरीकी संसद में दो विधेयक लंबित हैं, इनमें सरकारी कर्मचारियों को अपने फोन पर टिकटॉक का इस्तेमाल करने से रोके जाने का प्रावधान है। इससे लगता है कि भारत के कदम के बाद अमरीका में टिकटॉक पर प्रतिबंध की मांग जोर पकड़ सकती है।
भारत ने बैन किया 59 चीनी ऐप भारत ने सोमवार को टिकटॉक, यूसी ब्राउजर सहित 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगा दी है। ये देश की सुरक्षा,अखंडता और संप्रभुता के लिए नुकासनदेह है। गलवान घाटी में नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों बीच झड़प बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। ऐसे भारत की गोपनीय जानकारियों को इन ऐप के जरिए चुराने का डर था। इन प्रतिबंधित ऐप की सूची में वीचैट और बिगो लाइव भी शामिल हैं।
अमरीका लगा चुका है निर्यात पर प्रतिबंध अमरीका पहले ही चीन द्वारा हांगकांग में लाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर काफी बेचैन है। उसने हाल ही में अपनी रक्षा तकनीक और हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। पॉम्पियो ने ट्वीट कर कहा कि आज अमरीका हॉन्ग कॉन्ग को रक्षा उपकरण और दोहरे इस्तेमाल में आने वाली संवेदनशील तकनीकों के निर्यात पूरी तरह से बैन लगाने जा रहा है। यदि बीजिंग हांगकांग को एक देश, एक प्रणाली समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से समझना होगा।