पाकिस्तान ने चीन जाने वाली सीधी उड़ान सेवा को किया निलंबित, कोरोना वायरस को लेकर उठाया ये कदम ब्रेक्जिट (Brexit) को लेकर जनमत संग्रह के करीब साढे तीन साल बाद ब्रिटेन शुक्रवार को ईयू से अलग हुआ। ब्रिटेन के पीएम के कार्यालय डाउनिंग स्ट्रीट में गुरुवार को एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया। इसे ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के पहले शुक्रवार को जारी किया गया।
ब्रेग्जिट के मुद्दे पर बने थे पीएम कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party ) के नेता जॉनसन पिछले साल ब्रेग्जिट यानि ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन (European Union) से अलग होने की कवायद को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने के संकल्प के साथ देश के प्रधानमंत्री बने थे। अब उन्होंने इसे देश की नई शुरूआत के लिए ऐतिहासिक पल बताया। राष्ट्र के नाम जॉनसन ने कहा कि यह बदलाव का पल है। सरकार के तौर पर उनका काम इस देश को एकजुट रखना और इसे आगे ले जाना है। उन्होंने कहा कि अहम यह है कि आज की रात कोई अंत नहीं बल्कि एक नई शुरूआत का समय है।
साल 1973 में ब्रिटेन हुआ था शामिल एकजुटता के संदेश को लेकर जॉनसन ने उत्तरी इंग्लैंड के संडरलैंड में अपने मंत्रिमंडल की बैठक की। गौरतलब है कि इसी शहर ने जून 2016 में ईयू से बाहर निकलने को समर्थन देने की घोषणा की थी। साल 1973 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ ब्रिटेन 47 साल बाद इस समूह से विदा हो रहा है। इस तरह,अब ईयू 27 देशों वाला समूह होगा।
ब्रेग्जिट क्या है? ब्रेग्जिट का अर्थ है ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलग होना। यूरोपीय यूनियन 28 देशों का संगठन था। इन देशों के लोग आपस में किसी भी मुल्क में आ-जा सकते थे। इसके साथ काम भी कर सकते हैं। इस वजह से ये देश आपस में मुक्त व्यापार कर सकते हैं। 1973 में ब्रिटेन ईयू में शामिल हुआ था। ब्रिटेन में 23 जून, 2016 को आम जनता से वोटिंग के जरिए पूछा कि क्या ब्रिटेन को ईयू से अलग हो जाना चाहिए। उस वक्त 52 फीसदी वोट ईयू से निकल जाने के लिए पड़े।
वहीं 48 फीसदी लोगों ने ईयू में बने रहने की हिदायत दी। ब्रेग्जिट समर्थकों का कहना था कि देश से जुड़े फैसले देश में ही होने चाहिए। इस दौरान संसद में इस पर लंबी बहस हुई। इसे लेकर ब्रिटेन की पूर्व पीएम थरेसा मे को अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा। इस मामले में वह ब्रेक्जिट से बाहर न निकलने के पक्ष में थीं। इसके बाद बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के पीएम के रूप में सामने आए।