बिना किसी सहारे के खड़ा इसका गुंबद विश्व की सबसे बड़ी फ्रीस्टैंडिंग इमारत है, इसे बनाने वाली कंपनी की कोशिश इसे ऐसा बनाने की है इस गुंबद को किसी भी तरह से घुमाया जा सके। इसे बनाने वाली कंपनी की हालत माली तौर पर जब खस्ता हो गई तो एक मलेशियन कंपनी ने इसे टेकओवर करके जन्नत जैसा बना दिया, इसे ऐसा बनाय गया है कि इसमें किसी भी हालत में 26 डिग्री बना रहेगा।
बिना किसी सहारे के खड़ा इसका गुंबद विश्व की सबसे बड़ी फ्रीस्टैंडिंग इमारत है, इसे बनाने वाली कंपनी की कोशिश इसे ऐसा बनाने की है इस गुंबद को किसी भी तरह से घुमाया जा सके। इसे बनाने वाली कंपनी की हालत माली तौर पर जब खस्ता हो गई तो एक मलेशियन कंपनी ने इसे टेकओवर करके जन्नत जैसा बना दिया, इसे ऐसा बनाय गया है कि इसमें किसी भी हालत में 26 डिग्री बना रहेगा।
इसकी खासियत की बात करें तो इसकी छत 70 हजार स्क्वायर मीटर की है, इसके अंदर बना पूल ओलंपिक साइज के 4 पूलों के बराबर है। इसके अंदर 5 मिलियन क्यूबिक फीट के जितना स्पेस है। इसके दक्षिणी सिरे पर लगी स्टील की छत को हटाकर ट्रांसपैरेंट छत लगा दी गई है ताकि सूरज की रोशनी अंदर आती रहे। 50 हजार पेड़ लगाकर इसमें एक बनावटी गांव जैसा बनाया गया है और इसकी 9वीं मंजिल पर वॉटर स्लाइड भी है।
इतना ही नहीं इसमें एक बनावटी समुद्र किनारा भी बनाया गया जो अमेरिका के लास वेगस जैसा अनुभव कराता है। ये यूरोप में किसी भी इमारत का फिर से इतने बेहतरीन इस्तेमाल का शानदार उदाहरण है, इसकी कल्पना लाजवाब है। लेकिन इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं कि इसके अंदर आप फ्रीजिंग टेंपरेचर का आनंद नहीं ले सकते हैं, बाहर की तरह बर्फ में स्की नहीं कर सकते और ना ही समुद्र किनारे जैसा सन बाथ ले सकते हैं।