बदलते दौर में लोगों की पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ी है। एक तरफ विकास के लिए जहां पेड़ों की कटाई हो रही है, तो दूसरी तरफ लोग घरों में गार्डन विकिसत कर इस कमी को पूरा करने में अहम योगदान भी दे रहे हैं। विश्व पर्यावरण दिवस पर हर वर्ष एक थीम रखी जाती है, जानते इस वर्ष की थीम क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई।
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विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day 2021 ) की शुरुआत 1972 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित पर्यावरण सम्मेलन चर्चा में आया था। इसके बाद इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।
विश्व पर्यावरण दिवस ( World Environment Day 2021 ) की शुरुआत 1972 में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से आयोजित पर्यावरण सम्मेलन चर्चा में आया था। इसके बाद इस दिन को हर साल मनाया जाने लगा।
5 जून 1974 से यह पूरी तरह से लागू हुआ। हर साल एक नई थीम के साथ इस दिवस को मनाया जाता है। ये है इस वर्ष की थीम
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम है Ecosystem Restoration यानी पारिस्थितिकी तंत्र बहाली। इसका आसान शब्दों में मतलब है, पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना।
विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम है Ecosystem Restoration यानी पारिस्थितिकी तंत्र बहाली। इसका आसान शब्दों में मतलब है, पृथ्वी को एक बार फिर से अच्छी अवस्था में लाना।
यही वजह है कि इस बार उन गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा, जिससे दुनिया की पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से कायम कर सकें। प्राकृतिक प्रतिक्रियाओं और उभरती हुई हरित तकनीकों पर जोर दिया जाएं।
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बदलती लाइफस्टाइल, धूल,धुएं से भरी भागती दौड़ती जिंदगी और खास तौर पर कोरोना वायरस जैसी महामारी में पर्यावरण की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई है। ऐसे में ऑक्सीजन का सबसे जरिया पेड़ हैं। ये ना सिर्फ हमें फल, फूल और छाया देते हैं बल्कि जीवनोपयोगी ऑक्सीजन भी देते हैं।
बदलती लाइफस्टाइल, धूल,धुएं से भरी भागती दौड़ती जिंदगी और खास तौर पर कोरोना वायरस जैसी महामारी में पर्यावरण की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ गई है। ऐसे में ऑक्सीजन का सबसे जरिया पेड़ हैं। ये ना सिर्फ हमें फल, फूल और छाया देते हैं बल्कि जीवनोपयोगी ऑक्सीजन भी देते हैं।
जिस तरह कोरोना काल में ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड संक्रमण से उबरने और हमारे ऑर्गन सिस्टम को ट्रैक पर लाने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ऐसे में जरूरी है कि हम ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं।
पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पेड़-पौधों का संरक्षण बहुत ही जरूरी है। इस महामारी काल में पौध रोपण सबसे बड़ा हथियार बन सकता है। इसके साथ ही कूड़ा करके प्रकृति को किसी भी प्रकार से गंदा नहीं करें। रीसाइकिल का इस्तेमाल करें। यह प्रकृति और सेहत दोनों के लिहाज से अच्छा है।