वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक थीम
वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल मनाया जाता है और हर साल इसकी एक नई थीम रखी जाती है। इस वर्ष ‘स्तनपान की सुरक्षा: एक सहभागितापूर्ण जिम्मेदारी’ ( Protect Breastfeeding: A Shared Responsibility) थीम रखी गई है। जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए माताओं और अभिभावकों को जागरुक किया जा रहा है। बीते साल 2020 के लिए इसकी थीम ‘सपोर्ट ब्रेस्ट फीडिंग फॉर अ हेल्थिअर प्लेनेट’ (Support breast feeding for a healthier planet) रखी गई थी।
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क्या होता है ब्रेस्ट मिल्क बैंक
मां का दूध उपलब्ध कराने वाले ब्रेस्ट मिल्क बैंक, ब्लड बैंक की तरह काम कर करते है। इन दूध बैंकों में महिलाएं अपना दूध वंचित बच्चों के भरण पोषण के लिए दान कर सकती हैं। ब्रेस्ट मिल्क बैंक एक नॉन-प्रॉफिट संस्था है। यहां पर नवजात शिशुओं के लिए मां का सुरक्षित दूध स्टोर किया जाता है। यह दूध उन नवजात शिशुओं के लिए उपलब्ध करवाया जाता है, जो किसी कारणवश अपने बच्चे को स्तनपान नहीं करा सकती है। इसमें दो प्रकार की महिलाएं अपना दूध दान कर सकती है। पहली अपनी इच्छा से और दूसरी वे माताएं जो अपने बच्चों को दूध नहीं पिला सकतीं।
मदर मिल्क बैंक की कैसे ले मदद
मां के दूध का बैंक बनाने का उद्देश्य ऐसे बच्चों को मां का दूध उपलब्ध करवाना है जिनकी मां उन्हें किसी शारीरिक अक्षमता के चलते स्तनपान नहीं करवा पाती। कई बार प्रसव के बाद महिलाओं को दूध नहीं आता या कम आता है। इसके अलावा जन्म के समय महिला की मृत्यु हो जाती है। ऐसी स्थिति में दूध बैंक नवजात शिशुओं के लिए बहुत उपयोगी हैं। वैज्ञानिक प्रक्रिया से इस दूध को सामान्य से अधिक अवधि तक के लिए सुरक्षित रखा जाता है।
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स्तनपान से महिलाओं होते है ये फायदे
एक्सपर्ट की मानें तो मां को अपने शिशु को 6 महीने तक सिर्फ अपना दूध ही पिलाना चाहिए। ब्रेस्टफीडिंग सिर्फ नवजात शिशु के लिए ही नहीं बल्कि दूध पिलाने वाली मां के लिए भी कई तरह से फायदेमंद है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्तनपान कराने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, और टाईप 2 डायबिटीज जैसे रोग होने का खतरा कम होता है।