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दरअसल यह पूरा मामला तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) के एक कर्मचारी की पेंशन तथा रिटायरमेंट बेनीफिट्स से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के कुंभकोणम में रहने वाले कलियापेरुमल की पत्नी सुशीला की कैंसर से मृत्यु हो गई थी। परन्तु मृत्यु के पूर्व ही सुशीला ने अपने पति कलियापेरुमल को अपनी बहन मलारकोडि के साथ शादी करने और गृहस्थी बसाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद वह उनके साथ रहने लगी। परिवार में कलियापेरुमल के तीन बेटे और तीन बेटियां भी उनके साथ ही रहते थे।
दरअसल यह पूरा मामला तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) के एक कर्मचारी की पेंशन तथा रिटायरमेंट बेनीफिट्स से जुड़ा हुआ है। तमिलनाडु के कुंभकोणम में रहने वाले कलियापेरुमल की पत्नी सुशीला की कैंसर से मृत्यु हो गई थी। परन्तु मृत्यु के पूर्व ही सुशीला ने अपने पति कलियापेरुमल को अपनी बहन मलारकोडि के साथ शादी करने और गृहस्थी बसाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद वह उनके साथ रहने लगी। परिवार में कलियापेरुमल के तीन बेटे और तीन बेटियां भी उनके साथ ही रहते थे।
सुशीला की मृत्यु के पूर्व कलियापेरुमल ने सुशीला को ही आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स में अपना नॉमिनी घोषित किया था परन्तु उसकी मृत्यु होने के बाद उन्होंने अपने बच्चों की स्वीकृति से मलारकोडि को अपना नॉमिनी बनाने के लिए आवेदन दे दिया था। आवेदन स्वीकृत होता उससे पहले ही कलियापेरुमल की मृत्यु हो गई। इस कारण यह पूरा मामला अटक गया और तमिलनाडु विद्युत उत्पादन और वितरण निगम (तैनजेडको) ने अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
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इसके बाद मलारकोडि ने रिटायरमेंट तथा पेंशन बेनीफिट्स का अधिकार प्राप्त करने के लिए कोर्ट में अपील की। मामले को पूरा सुनने के बाद जज एस. वैद्यनाथन ने मामले को वृहद पीठ के पास भेज दिया। अब मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के सामने होगी और उसके बाद मामले का निपटारी करने के लिए पीठ का गठन किया जाएगा।