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सोलह जनवरी को कोरोना की वैक्सीन लगी थी
जानकारी के अनुसार गुरुग्राम स्थित कृष्ण कालोनी निवासी 55 वर्षीय राजवंती भंगरौला के पीएचसी सेंटर में सुपरवाइजर पद पर तैनात थी। मृतका के परिजनों ने बताया कि राजंवती को कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के शुरुआत के दिन यानी सोलह जनवरी को कोरोना की वैक्सीन लगी थी। जिसके बाद में उसकी तबीयत खराब रहने लगी और 130 घंटे बाद उसकी मौत हो गई। हेल्थ वर्कर की मौत के बाद परिजनों में काफी रोष है। वहीं, मृतका के बेटे ने उसकी मौत के लिए कोरोना वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया है। मृतका के परिजनों ने संबंधित थाने में कोरोना वैक्सीनेशन के खिलाफ शिकायत भी दी है, जिसमें उन्होंने टीकाकरण अभियान में तुरंत रोक की मांग की है।
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पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीन से मौत की कोई पुष्टि नहीं
गुरुग्राम के मुख्य चिकित्साधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कोरोना वैक्सीन से मौत की कोई पुष्टि नहीं हुई है। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी के दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की थी, जिसके तहत रोजाना लाखों लोगों को टीका लगाया जा रहा है। हालांकि शुरुआती चरण में कोरोना वैक्सीन के लिए हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स का चयन किया गया है, जिसके बाद वैैक्सीनेशन अभियान का विस्तार किया जाएगा और देश के प्रत्येक नागरिक को टीका लगाया जाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह की अफवाह और भ्रम में न आने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कुछ विपक्षी दल कोरोना वैक्सीनेशन को राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है।