दोनों देशों के बीच चरम पर तनाव दरअसल, 15-16 जून की रात गलवान घाटी ( Galwan Valley ) में भारती-चीनी सैनिकों ( India-China Tension ) के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों मेॆं काफी तल्खी बढ़ गई है। लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत हो रही है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है। आज भी दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की बैठक होनी है। वहीं, केन्द्र सरकार ( Central Government ) लगातर चीन की कमर तोड़ने की कोशिश कर रही है। कई प्रोजेक्ट से चीनी कंपनियों को हटा दिया गया। कई कॉन्ट्रैक्ट भी रद्द कर दी गई हैं। वहीं, अब चीन पर सरकार ने ‘डिजिटल स्ट्राइक’ ( Digital Strike ) किया है। इतना ही नहीं इसके जरिए सरकार ने सीधे तौर पर चीन को चेतावनी भी दे दी है।
जानिए, सकार ने क्यों लिया इतना बड़ा फैसला? आईटी मंत्रालय ( IT Ministry ) का कहना है कि इन Apps को लेकर उसे कई स्रोतों से काफी शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड ( Android ) और आईओएस ( ios) प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप ( Mobile App ) के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन एप के जरिए यूजर्स के डेटा को चुराकर उन्हें भारत ( India ) के बाहर स्थित सर्वर को गैर कानूनी तरीके से भेजते हैं। सरकार का कहना है कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर यह बड़ा खतरा है। इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग देश की संप्रभुता और अखंडता पर आघात है। सरकार का कहना है कि यह चिंता का विषय है और इसके लिए आपातकालीन उपायों की जरूरत है। वहीं, कुछ जानकारों का कहना है कि इसके पीछे असली वहज ये है कि भारत चीन को बताना चाहता है कि वह अब झुकने वाला नहीं है। 20 जवानों की शहादत से भारत की गरिमा पर गहर आघात पहुंचा है। लिहाजा, सरकार ने यह फैसला लिया है।
Dragon को गहरा झटका एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ( India Cyber Crime Coordination Centre ) ने इन दुर्भावनापूर्ण एप्स पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी। बयान के अनुसार, सरकार का यह फैसला करोड़ों भारतीय मोबाइल और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा करेगा। जिस तरह से विपक्षी ताकत डेटा चुराकर देश की संप्रभुता और अखंडता पर आघात कर रहे थे, उससे अब यकीनन रक्षा होगी। फिलहाल, इसके पीछे सरकार की जो भी मंशा रही हो। लेकिन, इस एक फैसले से ड्रैगन को गहरा आघाता पहुंचा है। अब देखना ये है कि चीन की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।