क्या आपको पाता था कि जन्म से लेकर मृत्यु तक इनके अलग-अलग नियम होते हैं। आपने इनके जन्म की खबरें देखी होंगी या इन घटनाओं से वाकिफ होंगे लेकिन क्या कभी आपने किसी किन्नर की शव यात्रा देखी है? शायद नहीं। है ना? ऐसा क्यों है यह हम आपको बताते हैं। शव को सभी से छुपा कर रखा जाता है। जी हां, जहां ज्यादातर शव यात्रा दिन में निकाली जाती है, वहीं किन्नरों की शव यात्रा रात में निकाली जाती है।
असल में, किन्नरों की शव यात्रा रात में इसलिए निकाली जाती है ताकि कोई इंसान इनकी शव यात्रा ना देख सके। ऐसा क्यों किया जाता है यहां जान लें किन्नर समाज में ऐसा रिवाज रहा है। साथ में ये भी मान्यता है कि इस शव यात्रा में इनके समुदाय के अलावे दूसरे समुदाय के किन्नर भी मौजूद नहीं होने चाहिए। किन्नर समाज में किसी की मौत होने पर ये लोग बिल्कुल भी मातम नहीं मनाते, क्योंकि इनका रिवाज है कि मरने से उसे इस नर्क वाले जीवन से छुटकारा मिल गया।
आपको बता दें कि किन्नरों की मौत हो जाने पर इनका अंतिम संस्कार को गुप्त तरीके से किया जाता है। सबसे खास बात ये है कि इस रिवाज में इनके समुदाय के अलावा अन्य किसी भी समुदाय के लोग इसमें शामिल नहीं हो सकते क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से अगले जन्म में किन्नर ही पैदा होगा। आप सब ये बात नहीं जाने होंगे कि किन्नरों की शव यात्रा दिन में नहीं बल्कि रात में निकाली जाती है और इसके पहले इऩ्हे जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। हालांकि किन्नर हिंदू धर्म को मानते हैं, लेकिन ये लोग शव को जलाते नहीं हैं बल्कि उन्हें दफनाते हैं। इतना ही नहीं ये लोग खुद के पैसों से दान का काम करवाते हैं ताकि फिर से वो इस रुप में जन्म ना ले।