Coronavirus: कुल मामले 81 लाख से ऊपर, भारत में महामारी से जुड़े टॉप 10 प्वाइंट दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक त्योहारों का मौसम, सर्दियों की शुरुआत और वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी राजधानी में कोरोना वायरस बीमारी के मामलों के अचानक बढ़ने का कारण बनी है। राजधानी ने इस सप्ताह चार बार एक दिन में दर्ज किए गए सबसे अधिक कोविड-19 मामलों के लिए अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया।
राजधानी में पैदा हुए इन हालात को लेकर चिंताग्रस्त गृह मंत्रालय ने सोमवार को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ एक विशेष समीक्षा बैठक बुलाई है। मंगलवार को दिल्ली में 4,853 मामले दर्ज हुए और बुधवार को इसने रिकॉर्ड 5,673 कोविड-19 मामले दर्ज किए। गुरुवार को 5,739 नए मामले दर्ज किए गए और शुक्रवार को 5,891 नए मामले और 47 मौतें हुईं।
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “यह त्योहारी मौसम, तापमान में कमी और प्रदूषण में वृद्धि का एक संयुक्त प्रभाव है। विशेषज्ञों ने यह भी सुझाव दिया था कि इस समय कोवि[-19 मामले बढ़ सकते हैं।”
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का प्रदूषण स्तर पिछले एक सप्ताह से ज्यादा वक्त से चिंता का विषय है। वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले 10 दिनों में खतरनाक रूप से ‘गंभीर’ क्षेत्र के करीब है। क्षेत्र में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए गुरुवार को केंद्र द्वारा एक नए आयोग की स्थापना भी की गई है।
COVID-19 Vaccine लगाने पर कुछ हो जाए तो? जानिए WHO वैक्सीन इंश्योरेंस स्कीम की 10 प्रमुख बातें जैन ने कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी के प्रमुख कारणों में से लोगों की लापरवाही को भी प्रमुख बताया। उन्होंने कहा, “लोग फेस मास्क पहनने को कम महत्व दे रहे हैं। मास्क हमें सर्दियों के प्रदूषण से भी काफी हद तक बचा सकते हैं।”
स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्लीवासियों से कोरोना वायरस बीमारी से बचने के लिए लोगों को हर समय मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “जब हमने लॉकडाउन लगाया था, मामलों में कमी नहीं हुई थी। अगर 100 फीसदी लोग मास्क पहनते हैं, तो कोविड-19 संक्रमण को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। मास्क पहनने के फायदे उतने ही हैं जितने लॉकडाउन के हैं। जब तक कोई वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक मास्क को ही वैक्सीन के रूप में माना जाना चाहिए।”