मैलानीन पिगमेंट की होती है अहम भूमिक
ऐसे पक्षी हमें अक्सर देखने को मिलते हैं, जिनके पंख रंग-बिरंगे या चमकीले होते हैं। अलग-अलग पक्षियों में अलग-अलग तरह का पैटर्न देखने को मिलते हैं। पर क्या कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे की वजह क्या है। आपको जानकार हैरानी होगी कि पक्षियों के पंखों में हम जो पैटर्न देखते हैं वे छोटे धब्बों, तराजू के आकार और छड़ों के आकार की जटिल संरचनाओं के संयोजन से बने होते हैं। इसके पीछे मैलानीन नामक पिगमेंट की अहम भूमिका होती है, जो पक्षियों की प्रजातियों में पंखों के जटिल पैटर्न बनाने का काम काम करता है।
ऐसे पक्षी हमें अक्सर देखने को मिलते हैं, जिनके पंख रंग-बिरंगे या चमकीले होते हैं। अलग-अलग पक्षियों में अलग-अलग तरह का पैटर्न देखने को मिलते हैं। पर क्या कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है। इसके पीछे की वजह क्या है। आपको जानकार हैरानी होगी कि पक्षियों के पंखों में हम जो पैटर्न देखते हैं वे छोटे धब्बों, तराजू के आकार और छड़ों के आकार की जटिल संरचनाओं के संयोजन से बने होते हैं। इसके पीछे मैलानीन नामक पिगमेंट की अहम भूमिका होती है, जो पक्षियों की प्रजातियों में पंखों के जटिल पैटर्न बनाने का काम काम करता है।
पंख के रंग दुश्मनों से बचाते हैं
कई पक्षियों के पंख मुश्किल परिस्थितियों के समय उन्हें वातावरण में घुलने-मिलने में मदद करते हैं, ताकि वे शत्रुओं से अपना बचाव कर सकें। डॉ. इस्माइल गाल्वान और उनकी टीम ने पक्षियों के रंग-बिरंगे पंखों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हाल ही में यह अध्ययन किया। इसमें ये बात सामने आई कि पक्षियों के रंगीन पंख मैलानीन नामक पिगमेंट्स की वजह से होते हैं। मैलानीन पिगमेंट की वजह से काले, भूरे, नारंगी रंग और कैरोटीनॉड्स का उत्पादन होता है। कैरोटीनॉड्स पंखों को चमकीला बनाता है।
कई पक्षियों के पंख मुश्किल परिस्थितियों के समय उन्हें वातावरण में घुलने-मिलने में मदद करते हैं, ताकि वे शत्रुओं से अपना बचाव कर सकें। डॉ. इस्माइल गाल्वान और उनकी टीम ने पक्षियों के रंग-बिरंगे पंखों के बारे में विस्तार से जानने के लिए हाल ही में यह अध्ययन किया। इसमें ये बात सामने आई कि पक्षियों के रंगीन पंख मैलानीन नामक पिगमेंट्स की वजह से होते हैं। मैलानीन पिगमेंट की वजह से काले, भूरे, नारंगी रंग और कैरोटीनॉड्स का उत्पादन होता है। कैरोटीनॉड्स पंखों को चमकीला बनाता है।
खुद नहीं बना सकते कैरोटीनॉडस
पक्षी खुद कैरोटीनॉइड का उत्पादन नहीं कर सकते। उन्हें वो चीजें खानी होती हैं, जिनमें ये रंग हों। कैरोटीनॉयड पक्षियों में खून के जरिये उनके शरीर में फैलता है। पक्षियों के शरीर में कैरोटीनॉयड जमा नहीं हो सकता, न विशिष्ट पंख संरचनाओं पर उनका नियंत्रण होता है।
पक्षी खुद कैरोटीनॉइड का उत्पादन नहीं कर सकते। उन्हें वो चीजें खानी होती हैं, जिनमें ये रंग हों। कैरोटीनॉयड पक्षियों में खून के जरिये उनके शरीर में फैलता है। पक्षियों के शरीर में कैरोटीनॉयड जमा नहीं हो सकता, न विशिष्ट पंख संरचनाओं पर उनका नियंत्रण होता है।