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मोदी सरकार के लिए बहुत खास है 5 अगस्त, तीन में से दो वादे इसी दिन पूरे किए

वर्ष 2019 में जब पहले से अधिक सीटें जीत कर भाजपा सत्ता में वापिस लौटी तो उसने आते ही अपने दो वादे पूरे कर दिए। आश्चर्यजनक रूप से ये दोनों निर्णय पांच अगस्त के दिन ही लिए गए थे।

Aug 05, 2021 / 09:24 am

सुनील शर्मा

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नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पांच अगस्त की तारीख को सर्वाधिक महत्वपूर्ण तारीख कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पांच अगस्त 2019 और पांच अगस्त 2020 को भाजपा ने न केवल अपने दो सर्वाधिक महत्वपूर्ण वादे पूरे किए वरन विरोधियों को दरकिनार कर नए भारत के निर्माण की नींव भी रखी।
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5 अगस्त 2019 को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35A को हटाने की घोषणा की और अगले ही वर्ष पांच अगस्त को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से राममंदिर के निर्माण की नींव रख कर विरोधियों को भी कड़ा संदेश दिया। शायद यही कारण है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच अगस्त की पवित्र तिथि भाजपा के लिए कई मायने रखती है। इन दोनों बड़ी घटनाओं के बाद आज फिर पांच अगस्त का दिन है और मानसून सत्र चल रहा है। ऐसे में सहज ही एक प्रश्न दिमाग में आता है कि क्या आज भी भाजपा सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है जो फिर एक बार देश के भाग्य को निर्धारित करेगा। यदि हां तो, वो क्या हो सकता है।
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पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के तीन बड़े सपने रहे हैं और पार्टी इन्हीं तीन वादों के आधार पर आज तक देश में चुनाव लड़ती और जीतती रही है। पहला है, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना, दूसरा अयोध्या में राममंदिर का निर्माण करना और तीसरा समान नागरिक संहिता कानून लाना।
मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं कर पाई। परन्तु वर्ष 2019 में जब पहले से अधिक सीटें जीत कर भाजपा सत्ता में वापिस लौटी तो उसने आते ही अपने दो वादे पूरे कर दिए। आश्चर्यजनक रूप से ये दोनों ही निर्णय पांच अगस्त के दिन ही लिए गए थे। एक तरह से हम कह सकते हैं कि पांच अगस्त को भाजपा सरकार अपने राजनीतिक और वैचारिक एजेंडे से जुड़े फैसले लेती है। हालांकि देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लाने का तीसरा वादा अभी अधूरा है।
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उल्लेखनीय है कि इस संबंध में पार्लियामेंट में भाजपा सांसदों द्वारा मौजूदा मानसून सत्र में निजी बिल भी रखे जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट तथा दिल्ली हाई कोर्ट सहित देश के कई हाई कोर्ट भी इस संबंध में अपनी राय रखते हुए कह चुके हैं कि देश में कॉमन सिविल कोड होना चाहिए। ऐसे में एक संभावना यह भी बन रही है कि आज मोदी सरकार इस संबंध में कोई बड़ी घोषणा कर सकती है या फिर कोई नया निर्णय ले सकती है।

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