किसान संगठनों ने बुलाई आपात बैठक, धर्मेंद्र प्रधान ने कृषि कानून को हक में बताया
कौन हैं बाबा राम सिंह?
65 साल के संत बाबा रामसिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाल थे। उनका डेरा करनाल जिले में निसंग के पास सिंगड़ा गांव में मौजूद है। ज्यादातर लोग उन्हें सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से जानते हैं। बाबा अपने सिंगड़ा वाले डेरे के साथ-साथ दुनियाभर में प्रवचन के लिए जाते थे। बाबा राम सिंह किसान समस्याओं को लेकर काफी दुखी थे। पिछले कुछ दिनों से वे दिल्ली में थे और किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहे थे। उन्होंने हाल ही में कई शिविर की भी व्यवस्था की थी और किसानों में कंबल भी बांटे थे।
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बाबा की ‘आखिरी पत्र’ अपनी जान लेने से पहले बाबा ने एक पत्र भी लिखा था। जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। ये पत्र उन्होंने पंजाबी भाषा में लिखा था। उन्होंने अपने अंतिम पत्र में लिखा कि ‘किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है। सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है। ये एक जुल्म है और जो जुल्म करता है वह तो पापी है लेकिन जो जुल्म सहता है वो भी पापी है।