सालों बाद ठाकरे परिवार में खुशियां तो लौटी, लेकिन इस परिवार के कई सदस्य आज भी गुमनाम जिंदगी जी रहे हैं। आइए, जानते हैं बालासाहेब के उस बेटे के बारे में जो इस खुशी के पल में भी अकेले अपनी ‘तन्हाइयों’ के साथ जिंदगी जी रहे हैं।
दरअसल, ठाकरे परिवार की दूसरी पीढ़ी का जब भी जिक्र होता है तो सबसे पहले उद्धव और राज ठाकरे का ही नाम आता है। राज ठाकरे बालासाहेब के भाई श्रीकांत के बेटे हैं और उद्धव को पार्टी की कमान सौंपने से आहत होकर उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। लेकिन, शायद कम ही लोग यह जानते हैं कि बालासाहेब के दो और भी बेटे थे, बिंदुमाधव और जयदेव ठाकरे।
बालासाहेब के बड़े बेटे बिंदूमाधव ठाकरे की 1996 में एक कार ऐक्सिडेंट में मौत हो गई। ऐक्सिडेंट के दौरान बिंदु की पत्नी माधवी और बेटी नेहा कार में साथ थे। हादसे के बाद ऐसी अफवाहें उड़ने लगीं कि बिंदु की कार ऐक्सिडेंट कोई हादसा नहीं था। इस घटना के तुरंत बाद माधवी ने नेहा और बेटे निहार के साथ घर छोड़ दिया। बालासाहेब के मंझले बेटे जयदेव के साथ रिश्ते भी खराब होने लगे थे। जयदेव अपनी पहली पत्नी जयश्री से अलग हो चुके थे। बालासाहेब का मानना था कि उनके अलग होने से परिवार पर काफी बुरा असर पड़ा था।
जयदेव ने दूसरी शादी की लेकिन इस बार फिर उनके पत्नी स्मिता के साथ संबंध बिगड़ने लगे। इस बार दोनों के बीच राजनीति को लेकर दूरियां इतनी बढ़ गई थीं कि जयदेव ने ही मातोश्री छोड़ दिया। कहा जाता है कि जयदेव का राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उनकी पत्नी स्मित को राजनीति से काफी लगाव था। जिसके कारण जयेदव और बालासाहेब के बीच मतभेद होने लगा था। मामला इतना बिगड़ गया कि स्मिता अपने बेटों- राहुल और ऐश्वर्य को लेकर मातोश्रो में रुक गईं जबकि जयदेव मातोश्री को छोड़कर चले गए। उसके बाद जयदेव ने अनुराधा से शादी कर ली। फिलहाल, जयदेव अपनी पत्नी अनुराधा और बेटी माधुरी के साथ कलानगर में रहते हैं।
बालासाहेब के निधन के बाद जयदेव फिर सुर्खियों में आए जब संपत्ति का बंटवारा होने लगा। बालासाहेब ने अपनी वसीहत में जयदेव को कुछ नहीं दिया। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में केस भी दाखिल किया, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। फिलहाल, जयदेव अपनी तीसरी पत्नी और बच्चों के साथ गुमनाम की जिदंगी जी रहे हैं।