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क्या है चिल्लई कलां? जो घाटी के पानी को बना देता है बर्फ की सिल्ली

इस साल चिल्लई कलान, जो कि 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी को खत्म होगा
चिल्लई कलान के समय घाटी का अधिकतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है

Dec 21, 2020 / 09:35 pm

Vivhav Shukla

Kashmir Valley

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में ‘चिल्लई कलां’ की शुरू हो चुका है। वैसे तो ये कश्मीर में ये मौसम 21 दिसंबर के बाद से ही माना जाता है लेकिन इसबार इसकी शुरूआत जल्दी हो गई। घाटी के लोगों का मानना है चिल्लई कलां में 40 दिनों तक यहां सबसे सर्द मौसम रहता है।

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कश्मीर में स्थानीय ने बताया इस बार चिल्लई कलां से पहले ही घाटी में ठंड बढ़ चुकी है। जानकारों की मानें तो इस साल चिल्लई कलां, 21 दिसंबर से शुरू होकर 30 जनवरी को खत्म होगा।

चिल्लई कलां क्या है?

घाटी में दिसंबर महीने में रात के तापमान में काफी गिरावट रहती है। कई क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 6-7 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच जाता है। भीषण ठंड के कारण, डल झील, वुलर झील जम जाते हैं। इतनी हीं नहीं कड़ाके की ठंड की वजह से सूर्य बादलों में पूरे महीने छिपी रहता है। इसी को चिल्लई कलां कहा जाता है।

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हर जगह बर्फ ही बर्फ

मौसम विभाग के मुताबिक बीते दिन श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 6.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। इससे एक रात पहले यहां पारा शून्य से 6.6 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला गया था। इसके अलावा पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। गुलमर्ग में भी पारा शून्य से 7.5 डिग्री सेल्सियस कम रिकॉर्ड किया गया।

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