दरअसल इन दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बंगाल में जहां अप्रेल-मई में चुनाव संभावित है वहीं तमिलनाडु में अगले वर्ष चुनाव होना है। ऐसे में सरकारें अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के जोखिम उठाने से नहीं चूक रही हैं।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का खतरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले सप्ताह ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ऐसे पांच राज्यों के नाम बताए गए थे जहां कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। इनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल था। यहां कोरोना के कुल ऐक्टिव केसों में 62 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
आठ जनवरी को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में एक दिन के अंदर कोरोना के 926 नए मामले आए थे।
पश्चिम बंगाल से पहले तमिलनाडु सरकार ने भी सिनेमा हॉलों को पूरी क्षमता के साथ खोलने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया था। हालांकि, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने तमिलनाडु के सचिव को चिट्ठी लिखी और कहा कि उनका यह आदेश केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश को हल्का बना देगा।
भल्ला ने कहा कि तत्काल प्रभाव के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
लेकिन इस निर्देश का ममता सरकार पर कोई असर नहीं दिखा। तमिलनाडु को हिदायत देने के बाद भी बंगाल में सिनेमाघरों को लेकर बड़ा कदम सीएम ने उठा लिया।
आपको बता दें कि अनलॉक 5 के तहत सरकार ने सिनेमा हॉल को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की इजाजत दी थी। सरकार के इस फैसले के बाद देश के कुछ राज्यों में इस नियम के तहत सिनेमाघर खोले भी गए हैं।
सिनेमाघरों में घुसने से पहले मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे नियम लागू किए गए थे। केंद्र ने इसके बाद सिनेमाघरों को लेकर कोई नया आदेश जारी नहीं किया है। हालांकि राज्य सरकारें अपने मुताबिक इन नियमों को बदल रही हैं।