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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने इसी सप्ताह प्रधानमंत्री को राज्य के आमों की खेप भेजी है, इन आमों में लक्ष्मणभोग, मालदा तथा हिमसागर आम भेजे गए हैं। पीएम मोदी के साथ ही देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी उन्होंने आम की पेटियां भेजी हैं। यह भी पढ़ें
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उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने ऐसे समय में पीएम मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं को आम भेजे हैं जबकि दोनों पार्टियों के बीच तल्खी अपनी चरम सीमा पर है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान तथा बाद में तृणमूल कांग्रेस पर भाजपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने हिंसा के आरोप लगाए थे। भाजपा व अन्य पार्टियों के नेताओं ने टीएमसी पर महिलाओं से बलात्कार करने तथा अपने कार्यकर्ताओं की हत्या करने का आरोप लगाया था। इस संबंध में स्थानीय पुलिस पर भी ममता सरकार का साथ देने के आरोप लगाए गए थे जिनका पुलिस तथा स्थानीय प्रशासन ने खंडन भी किया था। वर्ष 2014 से हैं भाजपा-तृणमूल कांग्रेस में मतभेद
आपको बता दें कि ममता बनर्जी अपनी पार्टी के साथ एनडीए का हिस्सा थी परन्तु वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद वह धर्मनिरपेक्षता के नाम पर गठबंधन से अलग हो गई थी। तभी से उनके और भाजपा के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भी ममता बनर्जी ने भाजपा के विरुद्ध सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद की थी परन्तु वो कामयाब नहीं हो पाई थी।
आपको बता दें कि ममता बनर्जी अपनी पार्टी के साथ एनडीए का हिस्सा थी परन्तु वर्ष 2014 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद वह धर्मनिरपेक्षता के नाम पर गठबंधन से अलग हो गई थी। तभी से उनके और भाजपा के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भी ममता बनर्जी ने भाजपा के विरुद्ध सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कवायद की थी परन्तु वो कामयाब नहीं हो पाई थी।