हालांकि, राज्य सरकार ने भी माजी की याचिका का समर्थन किया है। ममता सरकार ने सीबीआई की तरफ से दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है। अवैध खनन से जुड़ा है मामला
बता दें कि यह मामला झारखंड के धनबाद से सटे बंगाल के इलाकों ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से सैकड़ों खरीद रुपए के अवैध कोयला खनन और उसे झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश में बेचने से जुड़ा है। अवैध खनन जिन जमीनों पर हुआ है, उनमें रेलवे की जमीनें भी हैं। पूरे मामले में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के अलावा रेलवे और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी CISF के अधिकारियों की भी मिलीभगत की बात सामने आ रही है। घोटाले में केंद्र सरकार के तहत आने वाली संस्थाओं से जुड़े अधिकारियों की भी भूमिका पर भी सवाल उठे हैं। इस बात को आधार बनाते हुए सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में एफआईआर दर्ज की थी।