नई दिल्ली। देशभर में अब मानसून अपने अंतिम दिनों की ओर बढ़ रहा है। बाजवूद कई राज्यों में अब भी बारिश झमाझम हो रही है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान देश के दक्षिण इलाकों से लेकर मध्य भारत तक कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश के आसार हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो फिलहाल निम्न दबाव का क्षेत्र बने रहने के चलते इसका असर देश के कई राज्यों पर पड़ रहा है। यही वजह है कि मानसून अब तक पूरी तरह अलविदा नहीं हुआ है।
इन राज्यों में दिखाई देगा असर मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्था स्काईमेट के मुताबिक तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
वहीं केरल, तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय कर्नाटक में भी कई इलाकों में मध्य से लेकर तेज बारिश तक के आसार हैं। ऐसे में मछुआरों को समुद्र के करीब ना जाने की सलाह भी दी गई है।
पूर्वोत्तर इलाकों की बात करें तो मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप समूह में भी मनसून का असर देखने को मिलेगा। अगले 24 घंटे में यहां के कई शहरों में झमाझम बारिश लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है।
मध्य क्षेत्रों में भी बरसेंगे बदरा देश के मध्य इलाकों में भी निम्न दबाव क्षेत्र का असर देखने को मिलेगा। यहां की बात करें तो मध्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई शहरों में अभी बारिश होने के आसार बने हुए हैं।
यही नहीं ओडिशा में भी अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। इसके साथ ही गंगीय पश्चिम बंगाल, बाकी बचे पूर्वोत्तर भारत, कोंकण-गोवा सहित विदर्भ के हिस्सों में एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।
उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों और उससे सटे मध्य भारत के हिस्सों में न्यूनतम तापमान में मामूली गिरावट देखी जा सकती है। दिल्ली के प्रदूषण की बात करें तो राजधानी में प्रदूषण का स्तर खराब से बेहद खराब श्रेणी में जा सकता है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह हरियाणा और पंजाब में पराली जलने के कारण होने वाला धुआं भी है।
यहां से गुजर रहा है मानसून मानसून ने यूं ही वापसी नहीं की है। इसके पीछे भी बड़ी वजह है। टर्फ रेखा इस समय किशनगंज, बांकुरा, जमशेदपुर, चम्पा, सियोनि, खरगोन, भरूच और दीव से होकर गुजर रही है।
राजस्थान के पश्चिमी भागों पर एक विपरीत चक्रवात बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के उत्तर-पश्चिमी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित है। असम के दक्षिणी भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
एक अन्य चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के भागों पर बना हुआ है