यही वजह है कि इस बार मई में भी लोगों को गर्मी के तपिश नहीं झेलनी पड़ रही है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो मौसम में आए इस बदलाव की वजह पश्चिमी विक्षोभ ( Western disturbance ) है।
जिसके चलते गुरुवार को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में धूल भरी आंधी ( Dust Storm ) के साथ तेज बारिश देखने को मिली आई। इसके साथ ही कई इलाकों पर बारिश के साथ ओले भी पड़े।
राजधानी और पड़ोसी क्षेत्रों में आंधी ने काफी राहत देने का कार्य किया है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, कुछ और दिनों तक स्थिति के ऐसी ही बने रहने की संभावनाएं हैं, जिसके चलते प्रचंड गर्मी की शुरूआत में देरी होगी।
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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के नॉर्थ-वेस्ट मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण यह हुआ है।
इसके परिणामस्वरूप धूल भरी आंधी, गरज और हल्की बारिश होने के साथ ही हवा की गति वर्तमान में 60 किलोमीटर प्रति घंटे और अधिक रफ्तार से चल रही हैं।
विशेषज्ञों ने बताया कि मौसम में आए इस बदलाव से तापमान में गिरावट आएगी, जिससे गर्मी से राहत रहेगी।
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आपको बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाले ऐसे तूफ़ान को कहते हैं जो वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाकर उसे अचानक वर्षा और बर्फ़ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान व नेपाल पर गिरा देता है।
अमूमन पश्चिमी विक्षोब का असर मार्च आते—आते खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार इसका प्रभाव मई आधे माह तक भी देखने को मिल रही ही। यही वजह है कि इस बार गर्मी अपने चरम पर नहीं पहुंच पाई है।