देहरादून: मॉनसून के दस्तक देते ही उत्तराखंड में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने एक बार फिर तबाही मचा दी है। यहां के चमोली और पिथोड़ागढ़ जिलों सहित विभिन्न जगहों पर भारी बारिश और बादल फटने से मरने वाली की संख्या 30 पहुंच गई है। बारिश और भूस्खलन की वजह से दर्जनों घर जमीदोंज हो गए हैं। अलकनंदा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चमोली से चार लोगों के शव और डीडीहाट से पांच लोगों के शव बरामद किए गए हैं। चमोली जिले के घाट क्षेत्र में बाढ़ की वजह से कई मकान बह गए हैं। सूबे में विभिन्न नदियों पर बने अस्थाई पुल बारिश की वजह से बह गए हैं और घरों के ढहने की वजह से कई लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना मिल रही है। मौसम विभाग ने सूबे के विभिन्न जिलों में अभी और भारी बारिश की आशंका जताई है।गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बाढ़ में मरने वाले लोगों के प्रति जताई गहरी संवेदनागृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की वजह से मरने वाले लोगों के परिवारों के प्रति गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विट कर कहा कि एनडीआरएफ की टीम बादल फटने से प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो गई है।एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को अलर्ट जारी कर दिया गया है।राजनाथ सिंह नेट्विट कर कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत से सूबे की स्थिति के बारे में जानकारी ली है। केंद्र सरकार हर संभव मदद दे रही है।गौरतलब है कि भारी बारिश होने की वजह से अलकनंदा, सरयू और मंदाकिनी समेत करीब 10 नदियां खतरे के निशान के आसपास बह रही हैं। बागेश्वर में बारिश के चलते सरयू और गोमती का जलस्तर काफी बढ़ गया हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है।पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी हरीश चंद्र सेमवाल का कहना है कि सेना और अर्धसैनिक बलों की मदद से तलाशी अभियान और शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है।सीएम हरीश रावत ने की 2-2 लाख रुपये के हर्जाने की घोषणावहीं, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मरने वाले परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये के हर्जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं। आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों की टीम को प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है। राहत और बचाव काम के साथ ही स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए गए हैं। रावत ने केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद्र गहलौत के साथ अपनी मिटिंग के दौरान यह बात कही।कृषि क्षेत्र के बड़े हिस्से बर्बादमीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धारचूला के सुवा गांव में कृषि क्षेत्र के बड़े हिस्से बर्बाद हो गए हैं। बारिश की वजह से देवप्रयाग के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है। थल-मुनस्यारी रोड़ के ब्लॉक होने की वजह से दोनों तरफ दर्जनों गाड़ियां जमा हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यमुनोत्री हाईवे पर ट्रैफिक जाम हो गया है। गंगोत्री में भूस्खलने के बाद केदारनाथ हाईवे पर भारी जाम लग गया है। मौसम विभाग का कहना है कि सूबे में अगले दो दिनों में भारी बारिश हो सकती है।