ट्विटर ने भारत का जो नक्शा दिखाया है उसमें लेह-लद्दाख का बड़ा क्षेत्र चीन के हिस्से के तौर पर दर्शाया गया है। ट्विटर पहले भी इस तरह की गलती कर चुका है और जब ट्विटर से इस गलती को ठीक करने के लिए भारत की तरफ से कहा गया था तो ट्विटर ने करीब 15 दिन का समय लिया था।
यह भी पढ़ेँः सरकार के साथ विवादों के बीच ट्विटर इंडिया के शिकायत अधिकारी धर्मेंद्र चतुर ने दिया इस्तीफा दसअसल ट्विटर की इस गलती को एक सोशल मीडिया यूजर ने नोटिस किया। इस यूजर ने करीब सोमवार सुबह करीब 10.38 मिनट पर इसे शेयर किया। इसके बाद लगातार सोशल मीडिया पर ट्विटर की ये गलती कई यूजर्स ने साझा की।
जम्मू-कश्मीर को अलग देश के तौर पर दर्शाया
अपने नक्श में ट्विटर ने एक और बड़ी गलती है। उसने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हिस्से को एक अलग देश के तौर पर दर्शा दिया है।
अपने नक्श में ट्विटर ने एक और बड़ी गलती है। उसने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हिस्से को एक अलग देश के तौर पर दर्शा दिया है।
भारत की सीमाओं को लेकर ट्विटर बार-बार इस तरह की गलत जानकारी दे रहा है। माना जा रहा है कि इस बार सरकार ट्विटर को लेकर कड़ी कार्रवाई कर सकती है। नवंबर 2020 में भी की गलती
इससे पहले नवंबर 2020 में भी ट्विटर ऐसी ही गलती कर चुका है। ट्विटर ने लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की जगह जम्मू कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाया था।
इससे पहले नवंबर 2020 में भी ट्विटर ऐसी ही गलती कर चुका है। ट्विटर ने लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की जगह जम्मू कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाया था।
इसको लेकर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय की ओर से पहले ही ट्विटर को नोटिस जारी किया गया था। एक बार फिर ट्विटर की ओर से यह गलत नक्शा उस वक्त दिखाया गया है जब नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर यह साइट सरकार के निशाने पर है। सरकार ने ट्विटर पर जानबूझकर इन नए नियमों का पालन न करने का आरोप लगाया है और उसकी आलोचना की है।
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ट्विटर की इस गलती को लेकर सरकार दोबारा नोटिस जारी कर सकती है। नोटिस जारी होता है तो अगर ट्विटर सुधार नहीं करता है तो संभावित विकल्पों में भारत में ट्विटर तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
ट्विटर की इस गलती को लेकर सरकार दोबारा नोटिस जारी कर सकती है। नोटिस जारी होता है तो अगर ट्विटर सुधार नहीं करता है तो संभावित विकल्पों में भारत में ट्विटर तक पहुंच पर प्रतिबंध लगाने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत कार्रवाई शुरू की जा सकती है।
इसके साथ ही, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम के तहत, सरकार एक प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, जिसमें छह महीने तक के कारावास का प्रावधान है।