प्रदेश में टमाटर की कीमत 30 से 70 पैसे प्रति किलो तक पहुंच गई है। यही वजह है कि किसानों में खासा रोष है। अपने गुस्से के चलते किसानों ने मंडी अधिकारियों के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी किया है।
फाइजर वैक्सीन का बड़ा साइडइफेक्ट आया सामने, जानिए क्यों पूरा दुनिया की बढ़ी चिंता आंध्र प्रदेश के रायलसीमा इलाके में टमाटर की थोक कीमतें 30 से 70 पैसे किलो तक नीचे आ गई है। इससे किसानों के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। टमाटर की कीमतों को लेकर किसान स्थानीय मंडी अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल रायलसीमा में टमाटर का बहुत बड़ा बाजार है। इस बाजार में पाथीकोंडा एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमिटी (APMC) में बीते दिन टमाटर की कीमत इस सीजन की के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई। टमाटर 30 से 70 पैसा प्रति किलो तक पहुंच गया।
किसानों से व्यवस्था को बताया जिम्मेदार
किसानों ने टमाटर की गिरती कीमतों के लिए सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि टमाटर और कीटनाशकों पर लगभग 30,000 रुपये प्रति एकड़ का निवेश किया, जिससे उपज को बाजार तक पहुंचाया गया और अब वो केवल 1 रुपये प्रति किलो से कम कीमत मिल रही है। ऐसे में किस तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करें।
किसानों ने टमाटर की गिरती कीमतों के लिए सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार बताया है। उनका कहना है कि टमाटर और कीटनाशकों पर लगभग 30,000 रुपये प्रति एकड़ का निवेश किया, जिससे उपज को बाजार तक पहुंचाया गया और अब वो केवल 1 रुपये प्रति किलो से कम कीमत मिल रही है। ऐसे में किस तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करें।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का वो लव लेटर जिसने बदलकर रख दी उनकी पूरी जिंदगी, जानिए क्यों नहीं लिया शादी का फैसला इस वजह से कम हो रही कीमतें
दरअसल टमाटर की लगातार कम हो रही कीमतों के पीछे इस वर्ष का बंपर उत्पादन बताया जा रहा है। चक्रवातों की वजह से हुई जोरदार बारिश के कारण टमाटर की खेती अच्छी हुई है। प्रदेश के पाठीकोटा, अलूर, अस्पारी के किसानों ने बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन किया है।
दरअसल टमाटर की लगातार कम हो रही कीमतों के पीछे इस वर्ष का बंपर उत्पादन बताया जा रहा है। चक्रवातों की वजह से हुई जोरदार बारिश के कारण टमाटर की खेती अच्छी हुई है। प्रदेश के पाठीकोटा, अलूर, अस्पारी के किसानों ने बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन किया है।