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12 साल में पहली बार मॉनसून लेट
मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 12 साल में ऐसा पहली दफा है जब देश में मानसून इतनी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। इसके पीछे प्रमुख वजह हाल ही में आया चक्रवात वायु’ बताया जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वायु चक्रवात का सीधा असर मॉनसूनी बादलों पर पड़ा है, जिसकी वजह से उनकी दिशा में बदलाव हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय तक देश के दो-तिहाई हिस्से तक पहुंचने वाला मानसून, अब तक केवल 10-15 प्रतिशत हिस्से को ही कवर कर सका है।
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बारिश में 44% कमी
यही वजह है कि देशभर में मानसूनी सीजन में अब तक होने वाली कुल बारिश में 44 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार बेहद धीमी गति से चल रहा मानसून अब तक केवल केरल, कर्नाटक के दक्षिण हिस्से, तमिलनाडु के दो-तिहाई हिस्से और पूर्वोत्तर भारत में ही सक्रिय हो सका है। मौसम विभाग का तो यहां तक कहना है कि मानसून सिस्टम को फिर से रिवाइव करने के लिए अभी 6 से 7 दिन का समय लगेगा।
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दिल्ली में भी देरी से मॉनसून
वायु चक्रवात से प्रभावित मानसून बेहद धीमी गति से चल रहा है। 29 जून तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दस्तक देने वाला मानसून अब यहां जुलाई के पहले सप्ताह में ही पहुंचेगा।
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चक्रवात वायु ने गुजरात तट पार किया, भारी बारिश
चक्रवात वायु मंगलवार को कमजोर होकर कच्छ तट को पार कर गया, और इस दौरान कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई, जिस कारण तापमान काफी नीचे गिर गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अहमदाबाद केंद्र में वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने संवाददाताओं से कहा, “चक्रवात वायु सुबह एक निम्न दबाव वाले इलाके में परिवर्तित हो गया और कच्छ तट को पार कर गया।”
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बंदरगाहों की चेतावनी घटा दी गई
मोहंती के अनुसार, इसके कारण कई स्थानों पर बारिश हुई। उन्होंने कहा, “कच्छ, सौराष्ट्र और उत्तर गुजरात के क्षेत्रों में बुधवार को भी बारिश हो सकती है।” उन्होंने कहा, “बंदरगाहों के लिए चेतावनी घटा दी गई है, लेकिन मछुआरों के लिए परामर्श बुधवार सुबह तक बरकरार रहेगा। कम दबाव की प्रणाली और कमजोर होने वाली है।”