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इतिहास में हुई भूल के लिए आज किसी से बदला लेने का समय नहीं, पढ़ें अटल बिहारी वाजपेयी की 10 प्रेरणादायक बातें

अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee ) के विराट व्यक्तित्व के धनी थे। जितना उन्हें अपने दल के लोग प्यार करते थे, उतना ही वो विरोधी दलों के बीच भी लोकप्रिय थे।
वाजपेयी हमेशा अपने बेबाक भाषण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई मौक़ों पर ऐसी बातें कही है जो यादगार बन गई।

Aug 17, 2020 / 10:51 am

Dhirendra

वाजपेयी हमेशा अपने बेबाक भाषण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई मौक़ों पर ऐसी बातें कही है जो यादगार बन गई।

नई दिल्ली। देश के 10वें प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को उनकी दूसरी पुण्यतिथि ( Death anniversary ) पर देशवासियों ने याद किया। उनके अविस्मरणीय योगदान पर चर्चा की और इसके लिए आभार व्यक्त किया। सभी ने इस बात पर जोर दिया कि अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee ) के विराट व्यक्तित्व के धनी थे। वाजपेयी जी ऐसे शख्सियत थे कि जितना उन्हें अपने दल के लोग प्यार करते थे, उतना ही वो विरोधी दल के बीच भी लोकप्रिय थे।
वह हमेशा अपने बेबाक भाषण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कई मौक़ों पर ऐसी बाते कही है जो यादगार ( Memorable ) बन गई। आइए हम आपको बताते हैं अटल बिहारी वाजपेयी ( Atal Bihari Vajpayee Quotes ) के 10 प्रेरणादायी कोट्स के बारे में।
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1. छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता

2. इतिहास में हुई भूल के लिए आज किसी से बदला लेने का समय नहीं है, लेकिन उस भूल को ठीक करने का सवाल है ।
3. हम अहिंसा में आस्था रखते हैं और चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो ।

4. मैं पाकिस्तान से दोस्ती करने के खिलाफ नहीं हूं । सारा देश पाकिस्तान से संबंधों को सुधारना चाहता है, लेकिन जब तक कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा कायम है, तब तक शांति नहीं हो सकती ।
5. आप दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं।

6. मनुष्य जीवन अनमोल निधि है, पुण्य का प्रसाद है । हम केवल अपने लिए न जिएं, औरों के लिए भी जिएं । जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है । दोनों का समन्वय आवश्यक है ।
7. पारस्परिक सहकारिता और त्याग की प्रवृत्ति को बल देकर ही मानव-समाज प्रगति और समृद्धि का पूरा-पूरा लाभ उठा सकता है।

8. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए हैं ।
9. अगर परमात्मा भी आ जाए और कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तैयार नहीं हूं किंतु परमात्मा ऐसा कह ही नहीं सकता ।

10. मानव और मानव के बीच में जो भेद की दीवारें खड़ी हैं, उनको ढहाना होगा, और इसके लिए एक राष्ट्रीय अभियान की आवश्यकता है ।
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