आईपीएस अधिकारी अजयपाल लांबा ने बाबा आसाराम पर गनिंग फॉर द गॉडमैन : द ट्रू स्टोरी बिहाइंड आसाराम बापूज कॉन्विक्शन ( Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction ) नाम से किताब लिखी है। इस किताब में उन्होंने आसाराम की गिरफ्तारी के दौरान की भागमभाग, मीडिया को चकमा देने के लिए रची गई कहानियां और आसाराम के गुनाह कबूलने वाला बयान का भी पूरा जिक्र किया है।
Coronavirus : भारत बना दुनिया का पहला देश, 24 घंटे में 80092 नए केस आए सामने इस किताब में इस बात का दावा किया गया है कि आसाराम बातचीत में कबूल किया था कि उसने गलती कर दी।
दरअसल, इस किताब के लेखक आईपीएस अजयपाल लाम्बा ने 2013 में उस पुलिस टीम की कमान संभाली थी, जिसने आसाराम की गिरफ्तारी की थी। अरविंद माथुर इस किताब के सह लेखक और हॉर्पर कोलिन्स ने इस किताब को प्रकाशित किया है।
आसाराम ने माना – मैंने गलती कर दी पुस्तक में आईपीएस के द्वारा सख्ती से पूछताछ के दौरान आसाराम और पुलिस के बीच हुई बातचीत का जिक्र कुछ इस तरह है। बाबा तू ये बता की ये सब क्या कर डाला तूने, जल्दी बता, आईपीएस लांबा ने थोड़े कर्कश टोन में उससे पूछा। इसके जवाब में बाबा ने जो कहा वह चौंकाने वाला है। बाबा ने कहा हां, मैंने गलती कर दी, गलती कर दी मैंने। किताब को फिलहाल अंग्रेजी में लिखा गया है। अजयपाल लांबा ने बताया कि किताब को हिंदी में भी पब्लिश किया जा सकता है।
पोस्ट कोविद-19 इजाल के बाद अमित शाह पूरी तरह स्वस्थ, AIIMS से मिली छुट्टी वकालत से जुड़े लोगों के काम आ सकती है किताब आईपीएम अधिकारी लांबा ने आसाराम को सजा मुकर्रर होने के बाद इस पर किताब लिखने का ख्याल आया। ड्यूटी के अलावा जब भी समय मिलता, रोज कुछ लिखना शुरू किया। अब वो ही अनुभव किताब का रूप ले चुके हैं। केस की इन्वेस्टिगेशन से कन्विक्शन तक की प्रक्रिया पुलिस और वकालत के पेशे से जुड़े लोगों के लिए काम आ सकती है।
बाबा ने दी थी इस बात की धमकी राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी लांबा कहते हैं कि आसाराम तथाकथित संत था, जिसके करोड़ों अनुयायी हैं। उसके खिलाफ नाबालिग से ज्यादती के मामले की जांच और गिरफ्तारी ने बतौर डीसीपी (वेस्ट) के रूप में कई मोड़ दिखाए। कई नए अनुभव भी दिए। जब तथाकथित बाबा को पकड़ा तो आसाराम ने ऊपर से प्रेशर डलवाने की धमकी दी।
बाबा के इस चेतावनी के बाद मैंने फोन ही बंद कर दिया। यह मामला बच्ची से ज्यादती का था। इसलिए मैं बाबा को कोई रियायत देने के मूड में नहीं था। बाबा ने की पोटेंसी टेस्ट से बचने की कोशिश
किताब में लांबा ने इस बात का भी जिक्र किया है कि आसाराम ने खुद को नपुंसक साबित करके बचने की कोशिश की। तब उसके पोटेंसी टेस्ट करवाने की बात आई। टेस्ट कराने को लेकर पुलिस के कई उच्च अधिकारियों में मतभेद था।
इसके बावजूद जांच अधिकारी की पहल पर स्थानीय अधिकारियों ने सहमति जताई। टेस्ट करवाया, और आसाराम का बहाना झूठा साबित हो गया। इससे केस को मजबूती मिली। जब दो साल पहले सजा हो गई, तो लगा कि पीड़िता को न्याय दिलाने में मेहनत काम आई।
आईपीएस लांबा ने बताते हैं कि बीते दो साल में दिल्ली से मिली एफआईआर से लेकर सजा होने तक… हर पल को याद किया और ऐसे मामलों में जांच के लिए पुलिस और सजा दिलाने के लिए वकीलों की मदद के लिए मैंने किताब ‘गनिंग फॉर द गॉडमैन लिखी।