दरअसल भारत से अफगानिस्तान को मिलने वाली मदद की तारीफ करने वाले इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर भारतीय सेना वहां जाती है तो यह ‘अच्छा नहीं होगा।’ ऐसे में ये देखना जरूरी है कि तालिबान के अफगानिस्तान पर बढ़ते कदमों का भारत पर क्या असर पड़ेगा।
यह भी पढ़ेंः कौन है Salima Mazari? जिनसे तालिबान को भी लग रहा डर 3 बिलियन डॉलर इन्वेंस्टमेंट पर मंडराया खतरा
रिटायर्ड कर्नल संजीव कुमार के मुताबिक तालिबान के अफगानिस्तान की ओर बढ़ते कदम भारत की चिंता बढ़ा सकते हैं। भारत ने अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 3 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है। माना जा रहा है कि तालिबान के बढ़ते कदमों से ये प्रोजेक्ट हॉल्ट हो सकता है। जो आर्थिक रूप से बड़ा झटका भी होगा।
रिटायर्ड कर्नल संजीव कुमार के मुताबिक तालिबान के अफगानिस्तान की ओर बढ़ते कदम भारत की चिंता बढ़ा सकते हैं। भारत ने अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए 3 बिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया है। माना जा रहा है कि तालिबान के बढ़ते कदमों से ये प्रोजेक्ट हॉल्ट हो सकता है। जो आर्थिक रूप से बड़ा झटका भी होगा।
भारतीयों की सुरक्षा बड़ी चुनौती
कुमार के मुताबिक अफगानिस्तान में भारत के तकरीबन 2200 लोग अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। तालिबान के अफगानी इलाकों पर कब्जे के चलते इनकी सुरक्षा भी काफी चुनौतीपूर्ण होने वाली है।
कुमार के मुताबिक अफगानिस्तान में भारत के तकरीबन 2200 लोग अलग-अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। तालिबान के अफगानी इलाकों पर कब्जे के चलते इनकी सुरक्षा भी काफी चुनौतीपूर्ण होने वाली है।
अफगानिस्तान में भारतीय प्रोजेक्ट
भारत ने वैसे तो अफगानिस्तान में अपने बड़े प्रोजेक्ट करीब पांच वर्ष पहले ही खत्म कर लिए थे। पूर्व भारतीय राकेश सूद के मुताबिक लेकिन अब भी कुछ प्रोजेक्ट हैं जो अफगानस्तान के कई प्रांतों में हैं।
भारत ने वैसे तो अफगानिस्तान में अपने बड़े प्रोजेक्ट करीब पांच वर्ष पहले ही खत्म कर लिए थे। पूर्व भारतीय राकेश सूद के मुताबिक लेकिन अब भी कुछ प्रोजेक्ट हैं जो अफगानस्तान के कई प्रांतों में हैं।
यही नहीं भारत के प्रोजेक्ट के अलावा भी कई भारतीय अन्य देशों के प्रोजेक्ट पर भी अफगानिस्तान में काम कर रहे हैं। ऐसे में तालिबान के कब्जे से इन पर सीधा असर पड़ सकता है।
कई भारतीय यूएन, अमरीका और ब्रिटेन समेत कई देशों के प्रोजेक्ट पर पिछले लंबे समय से काम कर रहे हैं। इनमें कई प्रोजेक्ट काबुल और उसके आस-पास के इलाकों से जुड़े हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ
तालिबान शुरू से पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर सहयोग करता आया है। ऐसे में तालिबान सत्ता में आता है तो भारत के लिए ये चुनौती खड़ी कर सकता है। हालांकि भारत इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर तरह से निपटने में सक्षम है। हालांकि अभी ये भी तय नहीं है कि तालिबान जीत के बाद पाकिस्तान को पहले की तरह ट्रीट करे।
तालिबान शुरू से पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर सहयोग करता आया है। ऐसे में तालिबान सत्ता में आता है तो भारत के लिए ये चुनौती खड़ी कर सकता है। हालांकि भारत इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर तरह से निपटने में सक्षम है। हालांकि अभी ये भी तय नहीं है कि तालिबान जीत के बाद पाकिस्तान को पहले की तरह ट्रीट करे।
भारत को लेकर तालिबान का अब तक का रुख
तालिबान ने भारत को लेकर अपना रुख साफ किया है। हाल में तालिबान ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीय लोगों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को उनसे कोई खतरा नहीं है।
तालिबान ने भारत को लेकर अपना रुख साफ किया है। हाल में तालिबान ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीय लोगों की सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को उनसे कोई खतरा नहीं है।
यह भी पढ़ेंः भारत ने कहा, अफगानिस्तान में सैन्य शक्ति के बल पर बनी सरकार को मान्यता नहीं देंगे तालिबान ने भरोसा दिलाया है कि वो अफगानिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावासों को निशाना नहीं बनाएगा।
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, ‘हम भारतीय राजदूतों और दूतावास को आश्वास्त करना चाहते हैं कि हमारी तरफ से उन्हें खतरा नहीं है। ये हमारा वादा है जो मीडिया में भी है।’
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा, ‘हम भारतीय राजदूतों और दूतावास को आश्वास्त करना चाहते हैं कि हमारी तरफ से उन्हें खतरा नहीं है। ये हमारा वादा है जो मीडिया में भी है।’
यही नहीं तालिबान ने अफगानिस्तान में भारत की सहायता से चल रही परियोजनाओं पर कहा है कि, ‘हम अफगान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट और जो भी अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और आर्थिक समृद्धि के लिए किया गया है।
हालांकि विशेषज्ञ भारत के लिए तालिबान को लेकर किसी भी तरह की भरोसे में रहने की सलाह नहीं देते।