इस बीच एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र ने बताया है कि वैक्सीन के बाद भी अनिल विज के संक्रमित होने के पीछे दो वजह हो सकती हैं। जबकि वैक्सीन बना रही भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने भी इस मामले में अपनी सफाई दी है।
कोरोना वैक्सीन के लिए दुनिया को चुकाना होगी इतने खरब कीमत, जानें भारत कितना कर रहा खर्च कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) ट्रायल के दौरान कोरोना का टीका लेने के 15 दिन बाद ही हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं और इसके लिए वैक्सीन पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।
एम्स पूर्व निदेशक के बताई ये दो वजह
AIIMS के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र ने अनिल विज के संक्रमित होने के पीछे दो बड़ी वजह बताई हैं। इसके मुताबिक- पहली वजह यह है कि किसी भी वैक्सीन के ट्रायल के दौरान कुछ लोगों को प्लासीबो (दवा के भ्रम में कोई सामान्य पदार्थ) दिया जाता है, जबकि कुछ लोगों को वैक्सीन की वास्तविक डोज दी जाती है। खास बात यह है कि इस बात की जानकारी लगाने वाले को नहीं दी जाती। सिर्फ डेटा में लिखा जाता है।
AIIMS के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र ने अनिल विज के संक्रमित होने के पीछे दो बड़ी वजह बताई हैं। इसके मुताबिक- पहली वजह यह है कि किसी भी वैक्सीन के ट्रायल के दौरान कुछ लोगों को प्लासीबो (दवा के भ्रम में कोई सामान्य पदार्थ) दिया जाता है, जबकि कुछ लोगों को वैक्सीन की वास्तविक डोज दी जाती है। खास बात यह है कि इस बात की जानकारी लगाने वाले को नहीं दी जाती। सिर्फ डेटा में लिखा जाता है।
मिश्र की मानें तो अनिल विज के केस में ये हो सकता है कि उन्हें सिर्फ प्लासीबो दिया गया हो न कि वास्तविक वैक्सीन। अगर ऐसा हुआ तो उनका संक्रमित होना लाजमी है। दूसरी वजहः अनिल विज को वास्तविक दवा की ही डोज दी गई हो तो भी संक्रमण हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी वैक्सीन कारगर होने के लिए 28 दिन का समय लेती है। 28 दिन के दौरान शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं। ऐसे में अनिल विज को वैक्सीन लिए हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं। इस दौरान उनके शरीर में अभी एंटीबॉडीज नहीं बनी हैं और वे संक्रमण की चपेट में आ गए हैं।
बर्गर खाने का हुआ मन तो शख्स ने खर्च कर डाले 2 लाख रुपए, पूरा मामला जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान भारत बायोटेक ने कहा दो खुराक जरूरी
भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि कोवैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल दो डोज शेड्यूल आधारित है जो 28 दिन के अंतराल पर दिए जाते हैं। इस वैक्सीन का प्रभाव दूसरे डोज के 14 दिन बाद पता चलेगा। दोनों खुराक लेने के बाद ही कोवैक्सीन प्रभावी होता है।
भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि कोवैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल दो डोज शेड्यूल आधारित है जो 28 दिन के अंतराल पर दिए जाते हैं। इस वैक्सीन का प्रभाव दूसरे डोज के 14 दिन बाद पता चलेगा। दोनों खुराक लेने के बाद ही कोवैक्सीन प्रभावी होता है।
आपको बता दें कि हरियाणा में कोरोना की देसी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण का पहला टीका हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में लगाया गया था। पीजीआई रोहतक की टीम की निगरानी में ही मंत्री विज को वैक्सीन का टीका लगाया गया।