सुरंग में बिना ऑक्सीजन बिताने पड़े 36 घंटे
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बल्ह घाटी के बंगोट गांव के विशाल ने भी टनल के अंदर बिताए 17 दिनों की कहानी को अपनी जुबानी बयां की। विशाल ने बताया कि जब हादसा हुआ तो उसके 36 घंटों तक उन्हें टनल के अंदर मौजूद ऑक्सीजन से ही गुजारा करना पड़ा और पानी पीकर ही पेट भरना पड़ा। जब अंदर घुटन होने लगी तो टनल से पानी की निकासी के लिए जो पाईपें बिछाई गई थी उन्हें खोला गया और वहां से ऑक्सीजन ली गई। यह दो पाईपें थी जिसमें एक चार इंच की और दूसरी तीन इंच की थी। इन्हीं पाइपों के सहारे 36 घंटों बाद बाहर के लोगों से संपर्क हो पाया और इन्हीं से ड्राई फ्रूट और खाने का अन्य सामान प्राप्त हुआ।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला की बल्ह घाटी के बंगोट गांव के विशाल ने भी टनल के अंदर बिताए 17 दिनों की कहानी को अपनी जुबानी बयां की। विशाल ने बताया कि जब हादसा हुआ तो उसके 36 घंटों तक उन्हें टनल के अंदर मौजूद ऑक्सीजन से ही गुजारा करना पड़ा और पानी पीकर ही पेट भरना पड़ा। जब अंदर घुटन होने लगी तो टनल से पानी की निकासी के लिए जो पाईपें बिछाई गई थी उन्हें खोला गया और वहां से ऑक्सीजन ली गई। यह दो पाईपें थी जिसमें एक चार इंच की और दूसरी तीन इंच की थी। इन्हीं पाइपों के सहारे 36 घंटों बाद बाहर के लोगों से संपर्क हो पाया और इन्हीं से ड्राई फ्रूट और खाने का अन्य सामान प्राप्त हुआ।